मुरैना: मुख्यमंत्री चौहान ने पूरे प्रदेश में एक जुलाई से प्रारम्भ हो रहे ‘किल कोरोना अभियान’ का प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री चौहान ने मुरैना जिले में कोरोना की समीक्षा करते हुए कहा कि एहतियातन लगाये गये कर्फ्यू को जारी रखा जाए. कमर कसकर रोग नियंत्रण का कार्य हो. मुरैना जिले के प्रभारी अधिकारी प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव को उन्होंने स्थिति पर निरंतर निगाह रखने को कहा है. सोमवार को मुरैना में 59 पॉजीटिव प्रकरण आने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री चौहान ने चिंता व्यक्त की और मुरैना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की. प्रभारी अधिकारी मलय श्रीवास्तव ने बताया कि एक जुलाई से प्रारंभ होने वाले किल-कोरोना अभियान में मुरैना की घनी बस्तियों को कवर किया जाएगा.
अब पूरी तरह समाप्त करेंगे कोरोना को
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पिछले तीन माह में सभी के मिले-जुले प्रयासों से हम कोरोना को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफल रहे है. कोरोना नियंत्रण की दिशा में मध्यप्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिये उदाहरण बना है. मध्यप्रदेश की गतिविधियों को हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहा है. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अगले चरण में प्रदेश को कोरोना से पूर्ण मुक्ति दिलाने के लिये ‘किल कोरोना’ अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने समाज के सभी वर्गों से अभियान में सहभागी बनने का आहवान किया.
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि मुरैना में रोगियों के लिए पर्याप्त बेड उपलब्ध हैं. संदिग्ध रोगियों को क्वारंटाइन किए जाने के लिए भी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं. बाहरी व्यक्तियों के आने से पॉजिटिव प्रकरण आए हैं. कर्फ्यू जारी रहने से सुधार परिलक्षित होगा.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सभी प्रभारी अधिकारी अपने प्रभार के क्षेत्रों की नियमित जानकारी प्राप्त कर किए जा रहे प्रयासों की सतत समीक्षा करें.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि फीवर क्लीनिक पूरी क्षमता से कार्य करें. बुधवार से प्रारंभ होने वाले डोर टू डोर सर्वे में नागरिकों को रोग के लक्षणों के आधार पर आवश्यक उपचार और मार्गदर्शन उपलब्ध करवाया जाए.
वीडियों कान्फ्रेंस और समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश कोरोना के नियंत्रण में अन्य प्रदेशों से बेहतर स्थिति में है. प्रदेश में ग्रोथ रेट 1.46 प्रतिशत है जो देश के औसत ग्रोथ रेट से 3.68 से आधे से भी काफी कम है. प्रदेश का रिकवरी रेट 76.5 प्रतिशत है जो प्रथम स्थान (राजस्थान) के 77.1 से थोड़ा ही कम है. प्रदेश में टेस्टिंग सुविधा विकसित होने के फलस्वरूप वायरस नियंत्रण में अच्छी सफलता मिली है. गत 24 घंटे में 9 हजार 855 टेस्ट किए गए हैं. इनमें मात्र 223 पॉजीटिव केस मिले हैं. वीडियो कान्फ्रेंस में यह भी जानकारी दी गई कि प्रदेश में मेडीकल कॉलेज में भी रिकवरी रेट काफी बेहतर हुआ. जबलपुर, इन्दौर, रतलाम, खंडवा मेडीकल कॉलेज सहित भोपाल के चिरायु मेडीकल कॉलेज में रिकवरी रेट 80 प्रतिशत और उससे अधिक है. इस समय प्रदेश में 1106 कंटेंटमेंट क्षेत्र हैं.
बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री फैज अहमद किदवई भी उपस्थित थे.