नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र को निर्देश दिया है कि वैयक्तिक सुरक्षा उपकरणों का तर्कसंगत उपयोग करने का सुझाव दिया जाये ताकि देश के गैर कोविड इलाज वाले क्षेत्रों में कार्यरत सभी चिकित्साकर्मियों को पीपीई किट्स उपलब्ध कराये जा सकें.
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने गैर कोविड उपचार क्षेत्र में कार्यरत सभी चिकित्सकाकर्मियों को पीपीई उपलब्ध कराने के लिये दायर आवेदन पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से एक मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया.
इससे पहले, पीठ को सूचित किया गया कि भारत में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है जिनमें कोविड-19 के लक्षण नजर नहीं आते. पीठ ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा, ”हमें आवेदक के सुझाव में वजन नजर आता है. इस तथ्य के मद्देनजर हम केन्द्र सरकार को इस विषय पर गौर करने और ‘वैयक्तिक सुरक्षा उपकरण के तर्कसंगत उपयोग’ के दिशानिर्देशों में आवश्यक सुझाव शामिल करने का निर्देश देते हैं ताकि गैर कोविड उपचार वाले क्षेत्रों में कार्यरत सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को पीपीई उपलब्ध कराया जा सके.”
पीठ ने इस आवेदन का निबटारा करते हुये स्पष्ट किया कि इस मामले में शीर्ष अदालत का आठ अप्रैल का आदेश जारी रहेगा. न्यायालय ने आठ अप्रैल को कहा था कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला कर रहे चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी देश की रक्षा की पहली कतार हैं और इस संक्रमण से ग्रस्त मरीजों का उपचार कर रहे सभी चिकित्साकर्मियों के लिये उचित पीपीई उपलब्ध कराये जायें.
शीर्ष अदालत ने चिकित्सकों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिये केन्द्र और सभी राज्य सरकारों को कई अंतरिम निर्देश दिये थे. इनमें अस्पतालों और कोविड-19 से संक्रमित होने के संदेह वाले मरीजों के पृथकवास के लिये बनाये गये स्थानों पर चिकित्कसकों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिये आवश्यक पुलिस बंदोबस्त करना भी शामिल था.
न्यायालय ने यह निर्देश भी दिया था कि सरकारें चिकित्सकों, मेडिकल कर्मचारियों और दूसरे सरकारी अधिकारियों के काम में बाधा डालने या कोई अपराध करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेंगी. शीर्ष अदालत ने इस संक्रमण का पता लगाने के लिये विभिन्न स्थानों पर जाने वाले चिकित्सकों और दूसरे मेडिकल कर्मचारियों को आवश्यक पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का भी निर्देश दिया था.