लखनऊः बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने देश में कोविड-19 महामारी से बढ़ती मौतों पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार को और भी ज्यादा गंभीर होने की जरूरत बताई है.
मायावती ने सोमवार को ट्वीट कर कहा “देश में कोरोना महामारी से पीड़ितों और उससे बढ़ती मौतों की चिन्ताओं के बीच आज 69वें दिन लॉकडाउन-5 कुछ छूट के साथ प्रारम्भ हो गया है जो 30 जून तक चलेगा, जबकि अब भी पूरा देश कोरोना की मार से त्रस्त है और ऐसे में केन्द्र एवं राज्य सरकारों को और भी ज्यादा गंभीर होने की जरूरत है.”
बसपा अध्यक्ष ने नेपाल के साथ बढ़ते गतिरोध पर चिंता जाहिर करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा “नेपाल ने अपने देश का नया नक्शा तैयार करके उसमें कालापानी सहित भारत के 370 किलोमीटर क्षेत्र पर अपना दावा ठोककर भारत को निश्चित ही नई दुष्कर स्थिति में डाल दिया है.” उन्होंने कहा “ऐसे में पड़ोसी देश नेपाल के इस अनपेक्षित कदम पर केन्द्र की सरकार को जरूर गंभीरतापूर्वक सोच-विचार करना चाहिए.”
मायावती ने देश में मूलभूत ढांचे की कमी बताते हुए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों को चीन छोड़कर जा रही कंपनियों का इंतजार करने के बजाय अपने बूते आत्मनिर्भर बनने की सलाह दी है.
मायावती ने रविवार को एक के बाद एक किए गए ट्वीट में कहा, “चीन छोड़कर भारत आने वाली कम्पनियों की प्रतीक्षा के बजाय केन्द्र और यूपी सरकार को अपने बूते आत्मनिर्भर बनने का प्रयास शुरू करना चाहिए, क्योंकि शेनजेन आर्थिक क्षेत्र जैसी सड़क, पानी, बिजली आदि की मुफ्त आधारभूत सुविधा और श्रमिकों को कार्यस्थल के पास रहने की व्यवस्था आदि यहां कहां हैं? ”
उन्होंने कहा, ‘लेकिन शेनजेन विशेष आर्थिक क्षेत्र जैसी सुविधायें भारतीय उद्यमियों को देकर उनका सदुपयोग उत्कृष्ट वस्तुओं के उत्पादन के लिए सुनिश्चित किया जाए तो बर्बाद हुए छोटे एवं मंझोले उद्योग, पीड़ित श्रमिक वर्ग का कल्याण तथा भारत को सही मायने में आत्मनिर्भर बनाना थोड़ा आसान जरूर हो जाएगा.”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी और बदहाली में घर लौटे लाखों श्रमिकों को जरूरी मदद पहुंचाने के बजाय उत्तर प्रदेश में एमओयू हस्ताक्षर और घोषणाओं के जरिए छलावा अभियान एक बार फिर शुरू हो गया है.
जनहित के ठोस उपायों के बिना समस्या और विकराल हो जाएगी.” उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर तंज करते हुए कहा कि अच्छा होता सरकार नये समझौता ज्ञापन और फोटो छपवाने से पहले यह बताती कि पिछले कुछ वर्षों में इसी प्रकार के अनेक एमओयू जिनपर हस्ताक्षर किए गए उनका क्या हुआ.
मायावती ने कहा, ‘ एमओयू केवल जनता को बरगलाने और फोटो भर के लिए न हो तो बेहतर है, क्योंकि लाखों श्रमिकों को जीने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार की प्रतीक्षा है.” मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गत 29 मई को इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन विक्की लघु उद्योग भारती और नारडेको के साथ एमओयू पर दस्तखत किए थे. सरकार का दावा है कि इसके जरिए प्रदेश के 11 लाख श्रमिकों और कामगारों को रोजगार मिलेगा.