यूपी: कोरोना वायरस महामारी के बीच उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला किया है. यूएनआई की मानें तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने अगले 6 माह के लिए प्रदेश में एस्मा कानून लागू कर दिया है. इस कानून के लागू होते ही प्रदेश के सभी सरकारी कर्मचारी अगले 6 माह तक किसी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे और न ही धरना प्रदर्शन में शामिल हो पाएंगे.
बता दें कि मिल रही जानकारी के मुताबिक, इस बारे में अपर मुख्य सचिव कार्मिक मुकुल सिंघल ने अधिसूचना जारी कर दी है. राज्य सरकार के इस आदेश के बाद कर्मचारी 25 मई तक हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे. राज्य सरकार के इस फैसले को कोरोना के बढ़ते प्रभाव का भी एक कारण माना जा रहा है.
बता दें कि 2020 के अप्रैल माह में कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर त्रिपुरा के एक सरकारी अस्पताल में कुछ नर्सों द्वारा मास्क और अन्य सुरक्षात्मक उपकरणों की कमी की शिकायत किये जाने के बाद त्रिपुरा सरकार ने आवश्यक सेवा प्रबंधन अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया था. त्रिपुरा, मध्य प्रदेश के बाद 1986 का यह कानून लागू करने वाला दूसरा राज्य था, जो पुलिस को एस्मा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार देता है.
इसी साल के मई माह में ओडिशा सरकार ने परमाणु संयंत्रों में निर्बाध कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हड़ताल को प्रतिबंधित करते हुए तालचेर के महानदी कोयला क्षेत्र लिमिटेड (एमसीएल) इलाकों में लागू ओडिशा आवश्यक सेवा (अनुरक्षण) कानून, 1988 या एस्मा को छह महीनों के लिए बढ़ा दिया है. एमसीएल तालचेर के कोयला क्षेत्रों में बार-बार हड़ताल के कारण विद्युत उत्पादन में मुश्किलें पैदा होने से रोकने के लिए 15 मई, 2019 को एस्मा लागू किया गया था. बीते दिनों की अधिसूचना के अनुसार इसे छह और महीने के लिए बढ़ा दिया गया है.
एक अधिकारी ने कहा कि एमसीएल में अकसर विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं. इस क्षेत्र को जनहित के लिए कोयला उत्पादन और ढुलाई के लिए सुरक्षित रखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल यहां कई बार हड़ताल हुई थी और पुलिस को क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.