दिसंबर तक मनरेगा से प्रतिदिन दस लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य
रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है धनरोपणी के बाद एक बार फिर से मनरेगा योजना में रिकॉर्ड मजदूर कार्यरत है. उन्होंने कहा कि अलग झारखंड सरकार में 20वर्षां में ऐसा पहली बार हुआ है,जब जून से लेकर सितंबर के बीच मिट्टी का काम बंद रहता है, वैसे समय में भी मनरेगा की विभिन्न योजनाओं अभी 6.35लाख श्रमिक कामगार है.
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमणकाल के दौरान लाखों प्रवासी श्रमिक अपने घर वापस लौट आये, इन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से तीन नयी योजना शहीद पोटो खेल योजना, जल समृद्धि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना की शुरुआत की गयी और इन योजनाओं के माध्यम से निरंतर प्रतिदिन छह लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल पा रहा है, जबकि पिछली सरकार में आम दिनों में भी मुश्किल से प्रतिदिन दो से ढ़ाई कार्यदिवस का सृजन हो जाता था. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को साग-सब्जी उत्पादन में बढ़ावा देने के लिए पोषण वाटिका योजना की शुरू की गयी है.
आलमगीर आलम ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से आगामी दिसंबर महीने तक प्रतिदिन करीब दस लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना बनायी गयी है, इसके लिए विभागीय अधिकारियों और योजनाओं को जमीं पर उतारने में लगे सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को आवश्यक तैयारी का निर्देश दिया गया है.
मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं के किर्यान्वयन में तेजी लाने के लिए आज ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा अधिकारियों के साथ एक समीक्षा भी बैठक की गयी. बाद में आलमगीर आलम ने पार्टी नेताओं के साथ भी अलग से बैठक की. उन्होंने पार्टी नेताओं-कार्यकर्त्ताओं से अपील की है कि वे राज्य सरकार की योजना को जन-जन तक ले जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाये. इस बैठक में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, राजेश गुप्ता छोटू और शशिभूषण राय भी उपस्थित थे.