एनएसयूआई प्रभारी के रूप में मिला मार्गदर्शन
रांची: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का झारखंड ही नहीं, बल्कि देशभर के सभी राज्यों में सक्रिय और समर्पित पार्टी नेताओं-कार्यकर्त्ताओं से गहरा और आत्मीय भरा रिश्ता रहा है. संगठन की मजबूती में वे छात्र और युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को अच्छी तरह से समझते है, इस कारण विभिन्न पदों पर रहने के बावजूद वे वक्त युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने में प्रोत्साहित करने के प्रयास में जुटे रहे.
एनएसयूआई जमाने में छात्र-युवा राजनीति की बात याद करते हुए आलोक कुमार दूबे ने बताया कि जब अहमद पटेल एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के प्रभारी थे, उस वक्त प्रति वर्ष 9, 10 व 11 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की याद में एनएसयूआई की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर कैंप का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रभारी के रूप में अहमद पटेल जरुर उपस्थित रहते थे. एनएसयूआई की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मिनाक्षी नटराजन के वक्त आयेजित इस तीन दिवसीय नेशनल कैंप में उत्कृष्ट कार्यां के लिए जिलाध्यक्षों और प्रदेश अध्यक्षों को सम्मानित किया जाता था.
आलोक कुमार दूबे ने बताया कि एक बार नई दिल्ली के नेशनल कैंप में उन्हें भी एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बोलने का अवसर मिला, तो अहमद पटेल काफी प्रभावित हुए, शाम वे अपने घर ले गये और कहा कि जब भी दिल्ली आया करो, तो जरूर मुलाकात किया करो. इन सब के पीछे उनकी यह मंशा थी कि वे जानते थे कि संगठन की रीढ़ छात्र और युवा ही है.
अक्सर वे कहते थे कि देश को यदि आगे बढ़ाना है, संगठन को मजबूत करना है, तो अच्छे युवा नेतृत्व को आगे लाने का प्रयास जारी रखना होगा. देशभर में आज जितने भी युवा सांसद, विधायक और पार्टी पदाधिकारी दिख रहे है, उन्हें आगे लाने में कहीं न कहीं अहमद पटेल की बड़ी भूमिका रही है.
उन्होंने बताया कि अहमद पटेल देशभर के विभिन्न हिस्सों के संगठन के हर छोटे-बड़े नेता को व्यक्तिगत रूप से जानते थे और यही कारण है कि दिल्ली जाने पर कई बार जब वे अहमद पटेल से मिलने पहुंचे, तो वे बड़े ही आत्मीयता से मुलाकात करते थे और संगठनात्मक मुद्दों या कोई अन्य परेशानी हो, तो उसके निदान के लिए वे हर संभव प्रयास करते थे. संगठन के प्रति उनके समर्पण की भावना ऐसी थी, केंद्र में वर्षां तक कांग्रेस पार्टी सत्ता में रही, लेकिन अभी भी उन्हें पद का मोह नहीं रहा, हर वक्त वे संगठन की मजबूती के लिए प्रयासरत थे.