ब्यूरो चीफ
रांची
अपर मुख्य सचिव इंदू शेखर चतुर्वेदी ने कहा है कि राज्य के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग में संस्थागत बदलाव किये जा रहे हैं. कर्मचारियों की कमी और कानूनी मामलों को लेकर विभाग ने पहल शुरू कर दी है. उन्होंने कहा है कि राज्य में भूमि अपयोजन का काम तेजी से हो रहा है. राज्य के नदियों के तटों पर सघन वृक्षारोपन भी किया जा रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर 408 किमी. नदी तट पर 16.20 लाख पौधा लगाने की योजना शुरू की गयी थी.
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सूचना भवन परिसर में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए अपर मुख्य सचिव ने कहा कि वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के बाद झारखंड के पलामू व्याघ्र परियोजना (पीटीआर) में तीन बाघों की गतिविधियां कैमरे में कैद की गयी हैं. यह तसवीरें अभ्यारण्य में लगे कैमरे में फरवरी 2019 से लेकर अब तक के मूवमेंट पर कैद की गयी हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस महकमे का मुख्य काम वन क्षेत्रों में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ वन्य जीवों का संरक्षण भी करना है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी 274 किलोमीटर तक 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है. पिछले वर्ष नौ लाख से अधिक वृक्षारोपन किया गया था. इसमें 20 फीसदी पौधे और वृक्ष कम बारिश की वजह से मर गये. इन्हें रीप्लेस भी किया जा रहा है. पानी की कमी से पिछले वर्ष जुलाई में कई जगहों पर पेड़ सूख गये. सूखे और मृत पेड़ों को बदलने का काम बदस्तुर जारी है. उन्होंने कहा कि राजधानी में वन्य प्राणी रेस्क्यू सेंटर बनाया जा रहा है. तीन वर्षों में 4021 जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन किया गया है.
राज्य में पांच बाघों के होने की खबर : संजय कुमार
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हेड ऑफ फोर्स) संजय कुमार ने वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट पर कहा कि संस्थान की रिपोर्ट अप्रैल 2018 से लेकर अक्तूबर 2018 तक की है. इसमें झारखंड में पांच बाघों के होने का जिक्र किया गया है. हजारीबाग के सीमावर्ती इलाकों में एक और चार बाघ सारंडा के घने वनों के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से में पाये गये. सरकार हजारीबाग-चतरा-लातेहार-लोहरदगा और छत्तीसगढ़ से सटे जंगहों तक प्राथमिकता के आधार पर बाघों के मूवमेंट पर ध्यान रख रही है. वैसे भी जुलाई 2019 में बाघों से संबंधित 10 पैरों के निशान पीटीआर में मिले हैं. उन्होंने कहा कि वाइल्ड लाईफ रीलेटेड क्राइम को रोकने के लिए जियोग्राफिकल इंफोरमेशन सिस्टम (जीआइएस) सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है.
झारखंड में प्लास्टिक उत्पादकों से मांगी गयी राय: रस्तोगी
विभाग के विशेष सचिव ए.के. रस्तोगी ने संवाददाताओं को जानकारी दी की राज्य सरकार प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2018 को जल्द प्रभावकारी बनायेगी. इसे राज्य प्रदूषण नियंत्रण पार्षद के वेबसाइट में भी अपलोड किया गया है और सुझाव आमंत्रित किये गये हैं. झारखंड में पोलीथीन के उत्पादकों की संख्या नगण्य बतायी गयी है, पर प्लास्टिक उत्पादकों की संख्या 75 है. इन कंपनियों से वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के अंतर्गत प्लास्टिक कचरे की रीसाइक्लिंग को लेकर सुझाव मांगे गये हैं. अब केंद्र के नये नियमों के तहत प्लास्टिक उत्पादकों को रीसाइकिल करना जरूरी होगा. उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम की इंर्फोसमेंट टीम पोलीथीन को लेकर जगह-जगह पर छापामारी कर रही है. हिंडाल्को की घटना के बाबत उन्होंने कहा कि जल्द ही विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट सामने आयेगी. इससे यह पता चल पायेगा कि घटना वास्तविक में मानवीय भूल थी, या और कुछ.