- कोरोना वायरस से संक्रमित/संदिग्ध व्यक्ति, उसका पता, उसके माता-पिता, अन्य रिश्तेदार, चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी आदि किसी की जानकारी किसी भी माध्यम से उजागर करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध
- संक्रमित/संदिग्ध व्यक्ति के घर पर डॉक्टर्स की टीम के विजिट के दौरान फोटो खींचना या कोई अन्य जानकारी (प्रिंट/ इलेक्ट्रॉनिक/ वेब/ सोशल मीडिया आदि) उजागर करना दंडनीय अपराध
रांची: कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव एवं इसके रोकथाम हेतु पूरे देश को लॉक डाउन किया गया है. पूरे राज्य में महामारी रोग एक्ट 1897 के आलोक में झारखंड महामारी रोग (कोविड-19) अधिनियम 2020 लागू है. इसके अनुसार सुरक्षा के दृष्टिकोन से कोरोनावायरस संक्रमण से संक्रमित अथवा संदिग्ध व्यक्तियों, उनके रिश्तेदारों, चिकित्सकों, चिकित्सा कर्मचारियों आदि की जानकारी निश्चित रूप से गोपनीय रखी जानी है. इसके साथ ही सभी के आवासन पते को भी गोपनीय रखा जाना है.
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इसलिए किसी भी मीडिया संस्थान प्रिंट/ इलेक्ट्रॉनिक/ वेब/ सोशल मीडिया आदि द्वारा कोरोना वायरस से संक्रमित अथवा संदिग्ध व्यक्ति, उसका पता, उसके माता-पिता, अन्य रिश्तेदार, चिकित्सक, चिकित्सा कर्मी आदि किसी की जानकारी को प्रकाशित करने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है. साथ ही किसी भी मीडिया द्वारा इन सभी से किसी भी माध्यम से साक्षात्कार लेने पर भी पूर्ण रूप से प्रतिबंध है.
इसके साथ ही संक्रमित/संदिग्ध व्यक्ति के घर पर डॉक्टर की टीम के विजिट के दौरान किसी भी तरह से फोटो खींचना अथवा कोई अन्य जानकारी उजागर करना भी दंडनीय अपराध है.
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किसी भी तरह से इसकी अवमाना अथवा उल्लंघन करना आईपीसी की धारा 188, झारखंड महामारी रोग कोविड-19 अधिनियम 2020 की धारा 19 एवं महामारी रोग एक्ट 1897 की धारा 3 के तहत दंडनीय अपराध है.
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