रांची: झारखंड हाइकोर्ट से गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे को बड़ी राहत मिली है. कथित तौर पर फर्जी डिग्री के मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने उनके खिलाफ किसी भी तरह की पीड़ित कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दे दिया है.
निशिकांत दुबे के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय के मुताबिक, अदालत ने इस मामले के प्रार्थी विष्णुकांत झा को नोटिस जारी किया है. अब प्रार्थी को यह बताना होगा कि उन्होंने किस आधार पर सांसद निशिकांत दुबे की एमबीए की डिग्री को फर्जी बताते हुए याचिका दायर की है.
क्या है मामला:-
अगस्त 2020 में निशिकांत दुबे के विरुद्ध फर्जी डिग्री से संबंधित प्राथमिकी नगर थाना में दर्ज करायी गयी थी. बंपास टाउन निवासी विष्णुकांत झा ने थाने में शिकायत की थी कि एमबीए के साथ उनकी अन्य डिग्रियां भी फर्जी हो सकती हैं, जिसकी जांच किए जाने की आवश्यकता है. उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी.
प्राथमिकी में जिक्र थी कि फैक्लटी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली द्वारा निर्गत पत्र से यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दर्शाई गई वर्ष 1993 की एमबीए डिग्री फर्जी व अवैध है. उसी डिग्री के आधार पर वह गलत व भ्रामक जानकारी प्रेषण करते रहते हैं.
सांसद निशिकांत दुबे द्वारा डिग्री का उल्लेख सार्वजनिक रूप से करना और लोगों को बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी दिलाने का प्रलोभन देना व फर्जी दस्तावेज का विभिन्न स्थानों पर व्यक्तिगत लाभ हेतु प्रयोग करना दंडनीय अपराध है.
पत्नी अनामिका के खिलाफ जमीन खरीद मामले में है प्राथमिकी दर्ज
बता दें कि देवघर में जमीन खरीद मामले में सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मामले में आरोपित गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत में इस मामले में 27 जनवरी को अंतिम सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.
वहीं अनामिका गौतम ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है, जिस पर पूर्व में अदालत ने अंतरिम राहत देते हुए उनके खिलाफ किसी भी तरह की पीड़क कार्यवाही पर रोक लगाई है.