दिल्ली: हाल में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही थी जिसमें कहा जा रहा था कि शिक्षा मंत्री ने सीबीएसई दसवीं और 12वीं कक्षा के बोर्ड एग्जाम के लिए पासिंग क्राइटेरिया को रिवाइज कर दिया है. इसकी वजह से तमाम छात्र, जिनको इस साल की परीक्षा में शामिल होना है वे परेशान हो गए.
हालांकि, अब केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी पीआईबी ने इस फेक इन्फॉर्मेशन का खंडन कर दिया है. पीआईबी ने कहा है कि इस तरह की कोई भी घोषणा शिक्षा मंत्री द्वारा नहीं की गई है और ना ही ही इस बारे में कोई नोटिस जारी किया गया है. पीआईबी ने इसे अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए स्पष्ट किया.
सोशल मीडिया पर वायरस हो रहे मैसेज में कहा जा रहा था कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में पास होने के लिए अब 33 फीसदी के बजाय 23 फीसदी अंकों की जरूरत होगी. इसे पीआईबी ने गलत करार दिया है.
दसवीं और 12वीं बोर्ड के लिए पासिंग क्राइटेरिया बदलने वाली पोस्ट वायरल हो रही थी. पोस्ट वायरल होने के बाद से ही तमाम छात्रों ने मंत्रालय और बोर्ड से संपर्क किया. इसके बाद संदेह को दूर करने के लिए पीआईबी ने यह पोस्ट किया. इस बीच सीबीएसई इंग्लिश और संस्कृत भाषा के पेपर दो स्तरों पर लेकर आएगा. अभी तक गणित और हिंदी को दो स्तरों पर ऑफर करता है ताकि स्टूडेंट्स में स्ट्रेस लेबल को कम किया जा सके.