बेगूसराय: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पुरा देश पिछले कई हफ्तों से लॉकडाउन है. इसी बीच जो प्रवासी मजदूर वापस अपने प्रदेश आये हैं. उनकी कोरोना जांच के बाद प्रदेश में बने अलग-अलग क्वारंटीन सेंटरों में उन्हें रखा गया है. पुरे देश के अंदर क्वारंटीन सेंटरों में प्रवासी मजदूरों की मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहा है. ताजा मामला बेगूसराय के एक क्वारंटीन सेंटर का है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार दिन में एक प्रवासी मजदूर के सीने में दर्द की शिकायत थी. जिसकी सूचना मेडिकल टीम को दी गई. जब तक डॉक्टर की टीम सेंटर पर पहुंचती, प्रवासी मजदूर की मौत हो गई. मृतक मजदूर 13 दिन पहले ही कोलकाता से बेगूसराय पहुंचा था. वहीं क्वारंटीन सेंटर में प्रवासी मजदूर की मौत के बाद परिजनों ने सड़क में जम कर हंगामा किया. परिजनों ने प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सड़क को कई घण्टों तक जाम रखा. बाद में अधिकारियों के समझाने में परिजन मानें और जाम हटाया गया.
इलाज में लपारवाही का आरोप
मोहम्मद शहीद कोलकाता में पान की दुकान चलाकर जीवन यापन करते थे, लॉकडाउन की वजह से दुकान बंद होने के बाद वह अपने घर पहुंचे और क्वारंटीन सेंटर में रह रहे थे. मोहम्मद शहीद की मौत की सूचना पर बखरी एसडीओ, बीडीओ और बखरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. मजदूर की मौत के कारणों का पता लगाया जाय इसके लिये जांच चल रही है. प्रशासन द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय भेज दिया गया.
सड़क जाम कर जताया विरोध
क्वारंटीन सेंटर में प्रवासी मजदूर की मौत के बाद परिजनों ने सड़क जाम कर हंगामा किया. शव के पोस्टमार्टम के बाद बखरी-खगड़िया सड़क को जाम कर दिया. 4 घंटे जाम के बाद रात 12 बजे अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को समझा कर जाम को हटवाया. परिजनों ने प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. मृतक के परिजनों को मुआवजा और जांच कर दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.
मजदूर की मौत पर क्या बोले जिले के डीएम
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि प्रवासी मजदूर की मौत सेंटर पर हुई है, उसे गैस की शिकायत थी जिसकी दवा दी गई थी. बुधवार को भी अचानक उसके सीने में तेज दर्द हुआ जिसकी शिकायत मिलने पर डॉक्टर की टीम को भेजा गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो गई. मौत की वजह स्पष्ट नहीं है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा कि मजदूर की मौत किस वजह से हुई है.