रांची: लॉकडाउन की वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है. उनकी फसल नहीं बिक रही है. उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है. झारखंड एग्रो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने उक्ते बातें कही. किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई करने की मांग की.
संगठन के अध्यक्ष आनंद कोठारी ने कहा कि किसानों द्वारा कठोर परिश्रम और हजारों रुपये की पूंजी खर्च कर सब्जी का उत्पादन किया गया है. लॉकआउट के कारण फूलगोभी और बंधगोभी नहीं बिक पा रही है. विवश होकर किसान फूलगोभी और बंधगोभी की फसल नहीं काट रहे हैं. जो काट रहे हैं, वे 3 से 5 रुपये प्रति किलोग्राम विवश होकर बेच रहे हैं. सब्जियों के नहीं बिकने पर वे बांट दे रहे हैं या खेत में गड्डे में फेंक दे रहे हैं.
कोठारी ने कहा कि प्रत्येक फूलगोभी और बंधागोभी उत्पादक को हजारों रुपये का नुकसान हो रहा है. उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो रही है. वे बैंक के कर्ज में डूब जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को वेजफेड, जेएसएलपीएस, अनुबंधित स्वयंसेवी संस्थाओं से सीधे किसानों से उनकी उत्पादित सब्जी को निर्धारित दर पर खरीदकर सीधे उपभोक्ताओं को बेचने व्यवस्था करनी चाहिए.
कोठारी ने कहा कि सरकार कृषि विभाग के बीटीएम, कृषक मित्र और बागवानी मित्र से इस लॉकआउट और कुछ दिन पहले ओलावृष्टि से हुई फसल के नुकसान का आकलन कराए. किसानों की नुकसान की समुचित भरपाई करे.