नई दिल्ली: किसान संगठन और सरकार के बीच बुधवार को 10वें दौर की बातचीत एक बार फिर बेनतीजा ही खत्म हो गई. बैठक के दौरान सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि जब तक रास्ता नहीं निकलता है तब तक एक निश्चित समय के लिए तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी जाए और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हों. सरकार के इस नए प्रस्ताव को लेकर सिंघु बॉर्डर पर पंजाब के किसान संगठनों की आज बैठक होगी.
इसके बाद उसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा बैठक कर के फैसला लेगा कि सरकार के प्रस्ताव को अपनाना है या ठुकराना. कल दोपहर 12 बजे संयुक्त किसान मोर्चा 11वें दौर की बैठक के लिए सरकार के साथ फिर से बैठक करेगा. किसान संगठन, सरकार को अपना आधिकारिक फैसला उसी बैठक में बताएंगे.
हमें इस मुद्दे पर मिलकर कोई बीच का रास्ता निकालना पड़ेगा:
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में कहा कि हमें इस मुद्दे पर मिलकर कोई बीच का रास्ता निकालना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि आखिर कब तक किसान इस आंदोलन के कारण सड़कों पर बैठे रहेंगे. इसके लिए हम सभी को मिलकर समाधान निकालना पड़ेगा.
हम तीनों कानूनों पर आपके साथ बिंदुवार चर्चा करने के लिए तैयार:
सूत्रों की माने तो बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा था हम तीनों कानूनों पर आपके साथ बिंदुवार चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन सरकार किसी भी सूरत में तीनों कानून को वापस नहीं लेगी. कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार और किसान संगठनों के नेताओं की एक कमेटी बना देते हैं, जब तक बीच का रास्ता नहीं निकलेगा तब तक हम कानून को लागू नहीं करेंगे. सरकार ये एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट में भी देने को तैयार है.