साजन मिश्रा,
गोड्डा: बसंतराय थाना के एएसआई अनिल कुमार सहित पुलिस प्रशासन को जबरदस्ती बंधक बनाने एवं सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने को लेकर बीते दिन सन्हौला थाना के नाम लीखित आवेदन देकर कार्यवाही करने की बात सन्हौला थाना ने स्वीकृत नहीं की थी.
बता दें कि यह मामला आला कमान के संज्ञान में चली. जिसके बाद अंततः सन्हौला पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करना पड़ा.
मालुम हो कि बीते 17 नवम्बर को बसंतराय थाना की प्रशासनिक वाहन बांका जिला के धनकुंड थाना अंतर्गत काण्ड संख्या 94/18 के नामजद अभियुक्त की गिरफ्तारी एवं केस के अनुसंधान में सन्हौला होते हुए धनकुंड जा रही थी, जहां की सन्हौला थाना के सह प्राप्त कुछ बालू माफियाओं के द्वारा बसंतराय प्रशासन की गाड़ी रोक ली गयी और बेवजह परेशान करने लगे.
जिसके बाद मौके पर पहुंची सन्हौला प्रशासन ने बसंतराय थाना की प्रशासनिक वाहन समेत सभी प्रशासनिक पदाधिकारी को घण्टों बंधक बनाकर थाना के अंदर ही रख लिया. जहां कुछ तथाकथित नेता कम बालू माफियाओं के द्वारा सन्हौला पुलिस के इशारों पर झारखण्ड प्रशासनिक पदाधिकारी एवं झारखण्ड पुलिस का पुतला दहन कर जमकर नारेबाजी करते हुए हाई वोल्टेज ड्रामे की रूप रेखा तैयार कर दिया. साथ ही बंधक बनाए रखे प्रशासन को मारने की धमकी भी देने लगी.
वहीं कुछ घण्टों तक चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद बंधक बनाकर रखे बसंतराय पुलिस को छोड़ दिया, जिसके बाद एएसआई अनिल कुमार ने सन्हौला थाना के नाम लिखित आवेदन देकर घटना में सम्मिलित लोगों पर कार्यवाही करने की मांग की, लेकिन बालू माफियों को सह देने वाले और बालू माफियाओं के पैसे से नशे में चूर सन्हौला थाना प्रभारी ने आवेदन लेने से साफ इंकार कर दिया.
जिसके बाद मामला दोनों जिला के कप्तान के पास चली गयी और आखिरकार सन्हौला प्रशासन को सत्य के आगे झुकना पड़ा और दिए गए आवेदन के अनुसार सन्हौला थाना में कांड संख्या 187/19 के अनुसार भारतीय दंड विधान के तहत 147/149/341/323/504/506/353 आईपीसी धारा के तहत आवेदन में दर्ज चौदह लोगों के नामजद आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करना पड़ा.