रांची: राज्य के वित्त मंत्री सह झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव झारखंड की जनता को बार बार अपने विरोधाभाषी बयानबाजी से गुमराह करने में लगे हैं. उक्त बातें प्रतिक्रिया स्वरूप झारखंड पेरेंट्स एशोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने कही.
उन्होंने कहा कि राज्य में सत्ताशीन महागठबंधन के प्रमुख घटक दल कांग्रेस पार्टी के प्रदेश के मुखिया राज्य में निजी स्कूलों में अभिभावकों से लॉकडाउन अवधि की फीस वसूली के मामले में स्कूलों के प्रबंधन के पक्ष में बयान देते हैं. वहीं हाल ही में विश्वविद्यालयों के संदर्भ में यू जी सी द्वारा जारी किए गए ताजा गाइडलाइन के बाद केंद्र सरकार से छात्रों के लिए फीस माफी की अपील करते हुए सोशल साइट्स पर वीडियो अपलोड किया.
ऐसा प्रतीत होता है कि पूरी की पूरी महागठबंधन सरकार ही इस मामले पर कन्फ्यूज्ड नज़र आ रही है. शिक्षा मंत्री पहले फीस माफी की बात कहते रहे, बैठकें आयोजित की गई, सर्कुलर जारी किए गए पर स्कूल वाले सरकार के इस आदेश को धत्ता बता फीस वसूली करने में कामयाब रहे. कांग्रेस पार्टी के ढुलमुल रवैये के कारण ही निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पाया.
आरम्भ से ही कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता आलोक दुबे ने अभिभावकों की परेशानियों के प्रतिकूल बयानबाजी की. जबकि प्रियंका गांधी, पार्टी के विधायक दल के नेता एवं अन्य प्रवक्ताओं ने फीस रेग्युलेटरी एक्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. अब विश्वविद्यालय के छात्रों एवं अभिभावकों की परेशानियों की बात कर या बयान देकर आखिर ये कांग्रेस पार्टी साबित क्या करने में लगी हुई है ?
प्रश्न ये है क्या स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों की परेशानियों से इनका कोई लेना देना नहीं है ? कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस नेता पहले अपना स्टैंड क्लियर करें अन्यथा यह माना जायेगा कि इनकी बयानबाजी समयानुसार, सुविधानुसार, सिर्फ राजनैतिक स्वार्थपूर्ति के लिए दिया गया बयान है. यह दोहरी राजनीति करना बंद करें.