नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण लोकसभा में पेश कर दिया है. आर्थिक सर्वे में अनुमान लगाया गया है कि अगले वित्त वर्ष में विकास दर 6 से 6.5 फीसदी के बीच रह सकती है. समीक्षा में कहा गया कि वित्तीय मोर्चे पर अगले साल भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोकसभा के बाद ही इसको राज्यसभा में पेश किया गया.
सर्वे में खास बात ये कही गई कि इस वक्त फ्लैट की कीमतें काफी ऊंची हैं. लिहाजा बिल्डर बिना बिके फ्लैटों की कीमतें कम करें. हालांकि घरों की कीमतों में तेजी जारी रहने की संभावना व्यक्त की गई.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि अकेले भारत ही मंदी के दौर से नहीं गुजर रहा है पूरी दुनिया में इसका असर है और आने वाले दिनों में पूरी दुनिया में विकास की गति में कमी आएगी. इसके साथ ही इसमें कहा गया कि अगले साथ वित्तीय घाटा बढ़ सकता है. ग्लोबल ग्रोथ मंद रहने की संभावना भी जताई गई है.
वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे में यूएस और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच जो हालात है उससे आने वाले समय में देश पर भी असर पड़ सकता है और तेल की कीमतें बढ़ सकती है.
इस बार के आर्थिक सर्वे में थालीनॉमिक्स पर जोर दिया गया है. थालीनॉमिक्स में यह बताया गया है कि एक व्यक्ति की थाली में सही से खाद्यान पहुंच रहा है या फिर नहीं. सर्वे में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में थालीनॉमिक्स में 29 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस वजह से हर साल 10,887 रुपए की बचत प्रत्येक परिवार को हुई है.
आर्थिक सर्वे इसलिए पेश किया जाता है ताकि इससे यह पता चल सकें, कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था किस हाल में रही है और आने वाले वित्त वर्ष में इसको कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है. बजट को तैयार करने में इस सर्वे के दिए गए सुझावों पर अमल करने के लिए सरकार जरूरी उपायों की घोषणा करती है.