यूपी: उत्तर प्रदेश में इन दिनों अपहरण और हत्या का धंधा जोरों पर है. कानपुर में अपहरण कर मौत के घाट उतार दिए गए लैब टैक्नीशियन संजीत यादव के परिजनों की चीखें अभी गूंज ही रही थी कि गोरखपुर में 14 साल के बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई. अपराधियों ने अपहरण के बाद पिता से 1 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. बच्चा कक्षा 6 का छात्र था.
कुछ दिन पहले गोंडा में भी एक बच्चे का अपहरण कर करोड़ों की फिरौती मांगी गई थी. लेकिन तब पुलिस ने बच्चे को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से सकुशल छुड़ा लिया था.
बच्चे के पिता गोरखपुर के पिपराइच में किराना और पान की दुकान चलाते हैं. बच्चे का अपहरण रविवार को किया गया और सोमवार शाम को उसकी लाश एक नाले में मिली. राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता राशि देने का एलान किया है.
भयावह माहौल
कानपुर के संजीत यादव हत्याकांड का मामला हो या गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की सड़क पर हत्या का, इसके अलावा भी सैकड़ों ऐसे मामले हैं जो मीडिया की सुर्खियां नहीं बन पाते लेकिन इस तरह के भयावह माहौल में कैसे कोई व्यक्ति खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित महसूस कर सकता है.
बच्चे के अपहरण के बाद परिवार के पास फिरौती का फोन आया. बच्चे के पिता ने कहा, ‘रविवार को दोपहर के भोजन के बाद मेरा बच्चा बाहर खेलने गया था. शाम को मुझे एक अनजान नंबर से फोन आया कि बच्चे को वापस चाहते हो तो 1 करोड़ रुपये दे दो.’ पिता ने कहा कि उन्होंने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी.
एएनआई के मुताबिक, गोरखपुर के एसएपी सुनील कुमार गुप्ता ने कहा, ‘पुलिस तुरंत हरकत में आई और दयानंद नाम के एक अभियुक्त को धूसर इलाके से दबोच लिया.
पूछताछ में दयानंद ने कबूल किया कि उसने कुछ और अन्य लोगों के साथ मिलकर बच्चे का अपहरण करने के बाद रविवार शाम को उसकी हत्या कर दी. इसके बाद लाश को एक बैग में भरकर केवटिया नाले में फेंक दिया.’
पुलिस ने कहा कि दयानंद ने अजय गुप्ता, निखिल भारती, नितिन चौहान, अजय चौहान का भी नाम लिया. इसके बाद पुलिस ने घटना में शामिल पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. एसएसपी ने कहा कि निखिल भारती और बाकी अभियुक्त पिछले 8-10 दिन से बच्चे का अपहरण करने की योजना बना रहे थे.