जम्मू: कश्मीर घाटी में सेना की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन ऑल आउट और ऑपरेशन मां के चलते आतंकियों की संख्या लगातार घट रही है. वहीं सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा देने वाली एक खबर सामने आई है. दक्षिण कश्मीर के पांच युवक संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं.
आशंका जताई जा रही है कि ये सभी युवक आतंकवादी संगठन में शामिल हो सकते हैं. वहीं इस मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस की ओर से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक इन युवकों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन मां के तहत उनके परिजनों की मदद ली जा रही है.
पांचों युवक बीते 22 दिनों से इलाके से लापता हैं. जिनमें एक छात्र भी है. वहीं अन्य चार युवक में एक लैब टेक्नीशियन और एक इलेक्ट्रीशियन है. पुलिस ने युवकों के लापता होने की एफआईआर दर्ज कर ली है, साथ ही इनका पता लगाया जा रहा है. जिसके लिए परिजनों की मदद भी ली जा रही है.
आतंकियों की संख्या पहले से कम हुई हैः डीजीपी
बता दें कि घाटी में सेना की मुस्तैदी के चलते आतंकवादी संगठनों की कमर टूटती जा रही है. सक्रिय आतंकियों की संख्या में कमी आ रही है. इसी वजह से बौखलाए आतंकी संगठन युवकों को गुमराह कर आतंकी की ओर धकेलने की नापाक हरकतें करने की कोशिश कर रहे हैं.
शुक्रवार को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी ने कहा कि आतंकियों की संख्या पहले से कम हुई है. पुलिस अलग-अलग स्तर पर अमन बहाली के प्रयास को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है. कहा कि पूरी कोशिश है कि यहां पर पैदा हुई अमन और शांति की स्थिति को और मजबूत किया जा सके.
दिलबाग सिंह के अनुसार जो पिछले तीन दशकों में आतंकवाद के चलते लोगों ने जो तकलीफ झेली है, कई बेगुनाहों ने जानें गवाई हैं उसमें पिछले समय के मुकाबले काफी गिरावट आई है. अगर 2019 और 2020 के शुरुआती महीनों की बात करें तो करीब 60 प्रतिशत आतंकवाद संबंधित गतिविधियों में गिरावट दर्ज हुई है.
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