रांची: वैश्विक आपदा के दौरान व्यापारी वर्ग स्वयं श्रमिक की भूमिका में कार्यरत है. लोगों को आवश्यक सामग्री की निर्बाध उपलब्धता एवं जनकल्याण के लिए आर्थिक सहायता के साथ ही जनसेवा के कार्य में भी व्यापारियों ने बढ़ चढ़कर योगदान दिया है. परिणामस्वरूप इस वैश्विक त्रासदी के दौरान भी हमारे राज्य में सब कुछ सामान्य है. यह वास्तविक है कि हमारा प्रथम कर्त्तव्य लोगों की सुरक्षा, उनका बेहतर जीवनयापन तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखना है. ऐसे समय में जब सभी व्यापारिक गतिविधियां शिथिल हैं, के दौरान भी हम अपने कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील हैं तथा सरकार के निर्देशों के अनुसार समय से उनके वेतन का भुगतान भी सुनिश्चित कर रहें हैं.
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प्रतिष्ठान/इकाई में कार्यरत मजदूर/कर्मचारियों का जीवनयापन सुगमतापूर्वक हो सके, इसका ध्यान रखना हमारा नैतिक कर्तव्य है तथा हम यह कर भी रहे हैं किंतु यह लंबी अवधि तक संभव नहीं है. उक्त बातें चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहते हुए बताया कि कोविड-19 प्रभाव के बाद यदि सरकारी सहायता को व्यापारिक समुदाय तक नहीं बढाया जाता तब यह हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर रूप से प्रभाव डालेगा, जिससे प्रदेश में व्यापारिक संकट के साथ ही बेरोजगारी की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होगी.
प्रदेश के व्यापारियों व उद्यमियों का नेतृत्वकर्ता होने के नाते हम इस बात के भी पक्षधर हैं कि छोटे व्यापारिक घरानों/व्यापारियों/एसएमई के लिए सरकार एक मजबूत प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करें ताकि व्यापारी अपने व्यापार को जीवित रख सकें. विशेषकर एसएमई व एमएसएमई सेक्टर के लिए छह माह के लिए 2%-3% की न्यूनतम ब्याज दर पर ₹ 5 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा पर अवश्य ही विचार करना चाहिए. माननीय मुख्यमंत्री के आग्रह पर प्रदेश में आवश्यक वस्तुओं की नियमित आपूर्ति चेन को बनाए रखने में झारखंड चैंबर ने आज महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
मिल ऑनर से लेकर रिटेलर तक हमने सामंजस्य बनाकर लोगों को उचित मूल्य पर वस्तुओं को उपलब्ध कराने का साकारात्मक प्रयास किया है अन्यथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ड्राइवर सहित अन्य की कमी के कारण माल परिवहन में जिस प्रकार कठिनाई हो रही थी. वैसी स्थिति में वस्तुओं की कीमतें अनियंत्रित होने की भरपाई संभावनाएं बन गई थी. हमारे पिछले एक माह के नियमित प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित रही हैं चूंकि यह त्रासदी का पहला पड़ाव है, इसलिए अभी स्टेकहोल्डर्स अपने बल बूते दो माह स्टाफ का वेतन, दुकान का भाडा सहित अन्य संभाल लेंगे, किंतु लंबे समय तक ऐसा कर पाना संभव नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में भारत सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण इकाइयों को खोलने की अनुमति दी गई है, ऐसे में राज्य सरकार को केंद्र सरकार के निर्णयों का अनुसरण करते हुए झारखंड में अवस्थित औद्योगिक इकाइयों को न्यूनतम श्रम शक्ति और समुचित सुरक्षा/स्वच्छता मापदंडों के शर्तों के साथ खोलने की पहल करनी चाहिए ताकि उद्यमी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बढाने में भी अपना योगदान दे सकें. सरकार को सुगम माल परिवहन/निर्यात पर ही विचार करना होगा क्योंकि आज देखें तो रिफ्रैक्ट्रीज इंड्स्ट्री खुली हैं किंतु वे माल का आयात/निर्यात करने में सक्षम नहीं हैं. समस्त मुद्दों पर शीघ्र ही झारखंड चैंबर की बैठक माननीय मुख्यमंत्री के साथ आयोजित होनी है.
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