दिल्ली: कोरोना संकट काल में भारत को विदेशी मुद्रा भंडार मोर्चे पर लगातार अच्छी खबरें मिल रही हैं. रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े बताते हैं कि पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार हो गया है.
आंकड़ों के मुताबिक पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और इस वजह से विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 501.70 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
विदेशी मुद्रा भंडार की यह धनराशि एक वर्ष के आयात के खर्च के बराबर है. इससे पिछले 29 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.44 अरब डॉलर बढ़कर 463.48 अरब डॉलर हो गया था. अगर दूसरे देशों से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की तुलना करें तो चीन और जापान के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है.
विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने की कई वजह हैं. सबसे बड़ी वजह कच्चे तेल के डिमांड में कमी है. दरअसल, भारत में बीते मार्च महीने से लागू लॉकडाउन की वजह से ईंधन की डिमांड कम हो गई थी.
इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट ने भी विदेशी मुद्रा भंडार को सपोर्ट किया है. आसान भाषा में समझें तो कच्चे तेल की सस्ती और कम खरीदारी हुई है. इस वजह से सरकार को कम डॉलर भुगतान करने पड़े हैं.