लातेहार: अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र गारू प्रखंड में दो वक्त की रोजी रोटी और काम की तलाश में सैकड़ों की संख्या में किसान पलायन कर रहे हैं. इसके बाद भी अधिकारी मजदूरों को काम देने के लिए कतरा रहे हैं.
प्रखंड के बारेसांढ़ गांव में साम्भर इनक्लोजर से कुजरूम जाने वाले वन क्षेत्र में मिट्टी मोरम का पथ बनाया जा रहा है. फॉरेस्ट एक्ट को धत्ता बताते हुये वन क्षेत्र में बनने वाले इस सड़क में जेसीबी का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है. बताते चलें कि वन क्षेत्र में किसी भी विकास कार्य में किसी भी मशीन का उपयोग वर्जित है.
बारेसांढ़ गांव के मजदूरों ने बताया कि गांव मै सैकड़ों मजदूर खाली बैठे हैं और वन विभाग के रेंजर तरुण कुमार द्वारा जेसीबी से काम करवाया जा रहा है, अगर मजदूर काम करते तो उन्हें मजदूरी मिलती. वन क्षेत्र में ग्रामीणों से काम न लिये जाने से वन विभाग के प्रति ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है.यहां दिन रात खुद वन्य विभाग द्वारा ही जेसीबी मशीनों व ट्रैक्टरों से पर्यावरण व हरियाली का सूपड़ा साफ किया जा रहा है.
इस संबंध में रेंजर तरुण कुमार से पूछा गया तो उन्होंने योजना में जेसीबी का प्रयोग होने की बात कही और कुछ भी अधिक बताने से परहेज किया और कहा कि हमें कुछ नहीं होने वाला. जंगल में काम है तो मोरम कहां से लाएंगे. लोगों में इस बात को लेकर भी चर्चा की जा रही है कि जहां वन विभाग, वन क्षेत्रों में लोगों द्वारा छेड़छाड़ को अवैध करार देते हुए अपने कड़े नियम लगा कर जेल में डाल देती है, वहीं खुद विभाग जंगल व टाइगर रिजर्व क्षेत्र में नियमों के विरुद्ध जेसीबी मशीन का प्रयोग करते हैं.