रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि लाॅकडाउन के दौरान निजी स्कूल प्रबंधन पर शुल्क नहीं लेने का दबाव बनाने या इस तरह का कोई आदेश जारी करने से राज्य में संचालित करीब 20 हजार निजी स्कूलों के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि निजी स्कूलों पर ट्यूशन शुल्क माफ करने का दबाव बनाना उचित नहीं है, लेकिन निजी स्कूलों को डेवलपमेंट शुल्क, कंप्यूटर शुल्क और लाइब्रेरी शुल्क को माफ करना चाहिए. इसके साथ ही निजी स्कूल प्रबंधन अपने सामर्थ के मुताबिक यदि ट्यूशन शुल्क में भी कमी का फैसला लेते है, तो यह अभिभावकों के हित में होगा. इसके अलावा निजी स्कूल प्रबंधन ट्यूशन शुल्क वसूलने के लिए अभिभावक पर अगले कुछ महीनों तक कोई दबाव न बनाएं, परंतु यह सर्वथा अनुचित होगा कि निजी स्कूल प्रबंधन पर पूरी तरह से ट्यूशन शुल्क माफ करने का दबाव बनाया जाए, ऐसा होने पर इन स्कूलों में कार्यरत करीब तीन लाख शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मियों के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों के शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन भुगतान पर आंच आने से लाखों लोग प्रभावित होंगे और एक नई समस्या उत्पन्न हो जाएगी.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि निजी स्कूल प्रबंधन को अपने शिक्षक और अन्य कर्मचारियों के बीच वेतन भुगतान के अलावा प्रत्येक महीने आधारभूत संरचना तथा 1 दिन के लिए भी एक बड़ी राशि खर्च करनी होती है. इसके अलावा स्कूल बंद रहे या खुले रहे इससे स्कूल प्रबंधन को ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है. इस दौरान भी सभी निजी स्कूलों प्रबंधन द्वारा अपने कर्मचारियों और शिक्षकों के वेतन का भुगतान किया जाता है.