मुंबई: लॉकडाउन के दौरान कई लोगों की नौकरी चली गयी थी, बेरोजगार हर उस नंबर पर सम्पर्क करते थे जो नंबर नौकरी के विज्ञापनों पर होती है. लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने फर्जी नौकरी के विज्ञापन दिए और मजदूर वर्ग के लोगों को विदेश में नौकरी देने के नाम पर ठगी की.
मुंबई क्राइम ब्रांच ने 6 लोगों के गिरोह को गिरफ्तार किया है जिन लोगों ने 300 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की है. पुलिस ने इनके पास से 250 से ज्यादा पासपोर्ट, फर्जी वीजा और फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर भी जप्त किये हैं. गिरफ्तार आरोपियों के नाम तरक मंडल, जयंत कुमार मंडल, सुफोद्दीन शेख, मुईनुद्दीन गोल्डर, अब्दुल शेख और मोइनुद्दीन शेख बताया जा रहा है.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी अकबर पठान ने बताया कि लोगों को इनका पूरा फर्जीवाड़ा असली लगे इसके इन लोगों ने मुंबई के मलाड इलाके के एवर शाइन मॉल में एक जॉब कंसल्टेंसी का ऑफिस भी खोल रखा था. यहां पर आरोपी लोगों को इंटरव्यू और बाकी की फॉर्मेलिटी के लिए बुलाते थे. ये लोग एक आदमी से 80 हजार से 1 लाख रुपये तक की मांग करते थे. एक बार इन्हें जिस भी शख्स के पास से पैसे मिल जाते यह ये उसे टालना शुरू कर देते थे.
इन लोगों ने नौकरी के विज्ञापन को लेकर एक पैम्पलेट बनाया था, जिसपर इन्होंने 10 वी से लेकर ग्रेजुएट पास लोगों को रूस में नौकरी देने की बात करते थे. इन लोगों ने व्हाट्सएप के माध्यम से इसे बहुत वायरल किया, उनका टारगेट उत्तर प्रदेश, वेस्ट बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र था. इस विज्ञापन के वायरल होने के बाद से ही इन लोगों को सैकड़ो लोगों के फ़ोन आना शुरू हो गए.
पठान ने बताया कि इनलोगों को एक गुप्त जानकारी मिली थी कि एक गिरोह मुम्बई में नौकरी देने के नाम पर लोगों को ठग रहा है. इसके बाद क्राइम ब्रांच की एक टीम ने उस मॉल में जाकर रेड की और जांच में पता चला कि इनके पास किसी भी तरह का एम्प्लॉयमेंट एजेंसी चलानी की परमिशन नही है. ये लोग बेरोजगार लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. जांच में यह भी पता चला कि इन लोगों ने लगभग 100 लोगों को वेस्ट बंगाल में भी ठगा है और अपने आपको बचाने के लिए वहां का ऑफिस बंद कर मुंबई आ गए और यहां ठगने का काम शुरू कर दिया.