रूस उन 12 अंतरिक्ष यात्रियों में से 4 का चुनाव करेगा जिन्हें भारत ने अपने पहले मानव अंतरिक्ष कार्यकर्म गगनयान मिशन के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है. इस मिशन को साल 2022 की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा. ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहीं थी. दस हजार करोड़ रुपये की लागत वाले इस मिशन के तहत भारत के तीन भारतीयों को पांच से सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जायेगा, जहां वह कई सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण का परीक्षण करेंगे.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के सिवान का कहना है, “भारत ने 12 अंतरिक्ष यात्रियों को रूस भेजा है. उनमें से चार को रूस अडवांस ट्रेनिंग के लिए चयन करेगा.” हाल ही में रूस की राजधानी मास्को में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोसकॉसमोस के निदेशक जनरल ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक की है. दोनों अधिकारियों के बीच चार अंतरिक्ष यात्रियों के चयन और प्रशिक्षण को लेकर बातचीत हुई. इन चार लोगों को चुनाव के बाद अंतरिक्ष मिशन के लिए पूरी तरह तैयार किए जाने के लिए मास्को स्थित युरी गगरीन कोसमोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण दिया जाएगा. रूस में प्रशिक्षण के बाद इन चार अंतरिक्ष यात्रियों को दिसंबर 2021 और 2022 की शुरुआत में लॉन्च से पहले बचे महीनों में मिशन बैक इन इंडिया के लिए तैयार किया जाएगा.
इन मिशन से संबंधित और भी कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई है. अगर भारत का गगनयान मिशन सफल होता है, तो वह अंतरिक्ष में अंतरिक्षयात्री भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा. अभी तक केवल इस सूची में अमेरिकी, चीन और रूस का नाम ही दर्ज है.
रूस में भारतीय राजनयिक डीबी वर्मा का कहना है, कि रूस की पहलुओं से भारत की मदद कर रहा है. “इसमें पहला है, अंतरिक्ष क्रू के चुनाव और प्रशिक्षण में सहयोग. हालांकि यह हमारे लिए पहला है, लेकिन मानव अंतरिक्ष मिशन में वह अनुभवी हैं.” रूस वास्तविक अभियान से पहले प्रशिक्षण अभियान और उसके तौर-तरीके निर्धारित करने में मदद कर रहा है. उन्होंने कहा, “वास्तविक अभियान से पहले कई बार अभ्यास करना होता है. जिसमें उचित तौर तरीकों का चयन भी मिशन के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. वो हमें इन दोनों क्षेत्र में मदद कर रहा है.”
बता दें 27 जून को रॉस्कोमोस की सहायक संस्था ग्लावकोस्मोस और इसरो ने भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों के चयन और उनके प्रशिक्षण का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल चार से छह सितंबर तक रूस के व्लादिवोस्तोक में रहेगा, तब गगनयान के साथ-साथ अंतरिक्ष सहयोग के दूसरे क्षेत्रों में भी सहयोग की रूपरेखा पर विचार-विमर्श होगा.