जमशेदपुर:- कहते हैं जब कोई बड़ा कार्य किसी घर में हो रहा हो तो छोटा से छोटा सहयोग भी मायने रखता है . भारतीय परिवार में शादी-विवाह का कार्य दान-दहेज के चलते इसी बड़े कार्य की श्रेणी में आ जाता है, विशेषकर कन्यापक्ष के घर में . ये कहानी चाकुलिया प्रखंड की गंगा मनी मल्लिक की है . लॉक डाउन में जब इनके परिवार को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा तो इनकी शादी जो एक आदर्श विवाह थी(बिना दहेज के) उसे भी संपन्न कराने में इनके परिवार को दिक्कतें आ रही थी . वर पक्ष वालों ने दहेज तो नहीं लिया लेकिन इस मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी की शादी में जब अन्य आर्थिक जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही थी तो मुख्यमंत्री कन्यादान योजना इनके लिए वरदान साबित हुआ .
स्नातकोत्तर तक पढ़ाई कर चुकी गंगा मनी मल्लिक बताती हैं कि जब मुझे सेविका दीदी से यह पता चला कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आवेदन करने पर 30,00 की आर्थिक सहायता राशि प्राप्त हो जाएगी तो मेरा मनोबल बढ़ा और निश्चय किया कि अपने माता-पिता को विवाह में आर्थिक मदद सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजना का लाभ उठाकर करूंगी . विवाह में आर्थिक मदद हेतु मैंने स्वयं ही सेविका एवं सुपरवाइजर दीदी की मदद से आवेदन जमा किया जिसके फलस्वरूप मुझे 30,000 की राशि प्राप्त हुई, इससे मेरे विवाह में आर्थिक सहायता मिली . गंगा मनी मल्लिक कहती हैं कि इस आर्थिक सहयोग से मेरे परिजनों पर मेरे विवाह के लिए आर्थिक दबाव नहीं बना और उन्होने खुशी-खुशी मेरी विदाई की