गूगल एक ऐसा सर्च इंजन…जो आपके सामने सिर्फ एक क्लिक करने से दुनिया के कोने कोने की जानकारी कुछ सेकेंड के अंदर आपके सामने रख देता है. हर क्षेत्र में गूगल को महारत हासिल है. गूगल ने हमारे दिमाग को इस तरह से हैक कर रखा है कि अब दिल दिमाग में कोई भी सवाल आए तुरंत गूगल कर लो…और जवाब झट से आपके सामने. गूगल दुनिया भर की तस्वीर अपने पास रखता है. हर टॉपिक की जानकारियां रखता है. कोई भी वीडियो सर्च करना हो तो गूगल आपको बिल्कुल टेंशन नहीं लेने देता. गूगल ये गूगल वो…और ना जाने क्या क्या…कुल मिलाकर गूगल हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है.
अब सवाल ये है कि दुनिया भर के दिमाग पर छाने वाले गूगल का साथ क्या हमेशा से था…नहीं…21 साल पहले गूगल का नामोनिशान भी नहीं था..गूगल का जन्म हुआ 27 सिंतबर सन 1998 में…गूगल हर साल अपने जन्मदिन पर खुद का डूडल बनाकर सेलिब्रेट करता है…खुद को बंधाईयां देता है…
अपने 21 वें जन्मदिन पर भी गूगल ने अपना डूडल बनाया…जिसमें गूगल ने एक बड़ा सा कंप्यूटर दिखाया है जो कि सन 2000 में चलते थे. इसमें एक बड़ा वाला मॉनिटर, एक कीबोर्ड, माउस और एक प्रिंटर है. इस डूडल में गूगल ने अपने ऑफिस के एक फोटो का इस्तेमाल किया है. इसमें जो फोटो लगाई गई है उसे 27 सितंबर 1998 को खींचा गया था. Google की स्थापना सर्गेई ब्रिन और लैरी पेज ने 1998 में की थी. गूगल का इस्तेमाल दुनियाभर के 40 देश करते हैं. कंपनी के दुनिया भर में 70 ऑफिस हैं. Google के लिए डोमेन नाम 15 सितंबर 1997 को रजिस्टर किया गया था, और कंपनी को 4 सितंबर 1998 को शामिल किया गया था.
कई बार बदली गई जन्मतिथि
Google के जन्मदिन की तारीख बिना किसी स्पष्टीकरण के कई बार बदली गई है. 2005 तक 7 सितंबर को वेबसाइट ने अपना जन्मदिन मनाया गया था. लेकिन कंपनी ने वास्तव में 4 सितंबर 1998 को निगमन के कागजात दाखिल किए, हालांकि इस तारीख को उसने अपने जन्मदिन के रूप में कभी इस्तेमाल नहीं किया. 2005 के बाद से इसने 8 सितंबर, 26 सितंबर और हाल ही में, 27 सितंबर को अपने जन्मदिन को चिह्नित किया है.
मोबाइल भी बनाता है गूगल
आज गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है. आज गूगल ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर मोबाइल डिवाइस तक बनाती है.
Alexa ने भी बताया है सबसे ज्यादा विजिट वाली वेबसाइट
Alexa ने Google.com को दुनिया में सबसे ज्यादा विजिट करने वाली वेबसाइट में शामिल किया है. Alexa एक कमर्शियल वेब ट्रैफिक मॉनिटयरिंग कंपनी है.
इन डिक्शनरी में भी शामिल है गूगल का नाम
एप्पल, अमेजन, फेसबुक और गूगल के साथ ये चार बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में शुमार है. यही नहीं अब गूगल शब्द मैरियम वेबस्टर कोलेजिएट डिक्शनरी और ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में शामिल है. जहां इसका अर्थ है इंटरनेट से जानकारी निकालने के लिए गूगल सर्च इंजन का इस्तेमाल करें.
इसलिए रखा गया गूगल का नाम Google
1998 में पीएचडी के इन दोनों स्टूडेंट्स के दिमाग में लार्ज स्केल सर्च इंजन बनाने का आइडिया आया था. इन दोनों पीएचडी स्टूडेंट्स ने लिखा था कि इस सर्च इंजन का नाम गूगल इसलिए रखा गया क्योंकि गूगल की स्पेलिंग 10100 के करीब है. ये स्पेलिंग और संख्या लार्ज स्केल सर्च इंजन के उद्देश्य को पूरा करती है.
इतनी ही गूगल की पैरंट कंपनी की कुल संपत्ति
गूगल को शुरुआत में याहू और आस्क जीव्स जैसे सर्च इंजन्स से कड़ी टक्कर मिली. हालांकि, गूगल ने समय के साथ अपनी सेवाओं को बेहतर किया और दुनिया का सबसे पॉप्युलर सर्च इंजन बन गया. गूगल की पेरंट कंपनी Alphabet Inc है और पिछली साल इसकी कुल संपत्ति 137 बिलियन डॉलर थी.
100 से अधिक भाषाओं में करता है काम
आज गूगल दुनियाभर का सबसे पसंदीदा सर्च इंजन है और यह 100 से अधिक भाषाओं में काम करता है. पिछले 20 सालों में कंपनी ने तरक्की की नई ऊंचाईयों को छुआ और आज यह दुनिया की टॉप मल्टीनेशनल टेक्नॉलोजी कंपनी है.
कब बना था पहला डूडल
कंपनी ने पहला डूडल बर्निंग मैन फेस्टिवल के सम्मान में बनाया था. पहला डूडल बनाने के बाद गूगल ने इसे एक परंपरा बना दी. आज गूगल हर खास मौके को डूडल के जरिए सेलिब्रेड करता है. इतना ही नहीं, गूगल ने डूडल बनाने के लिए एक खास टीम को भी तैनात कर रखा है जो केवल इसी काम को करती है.
गूगल का पहले ये रखा जाना था नाम
गूगल को ऑफिशली लॉन्च करने से पहले इन पेज और ब्रिन ने इसका नाम ‘Backrub’ रखा था, लेकिन बाद में इसे गूगल कर दिया गया था. जिस वक्त वर्ल्ड वाइड वेब जब अपने शुरुआती दौर में था तब इन दोनों छात्रों ने एक ऐसा सिस्टम बनाने की कल्पना की थी जो दुनियाभर की जानकारी सभी के लिए उपलब्ध कराए. उनकी इसी सोच ने गूगल को जन्म दिया.
फायदेमंद के साथ हानिकारक भी है गूगल
कहते हैं कि एक सिक्के के दो पहलू होते हैं…एक अच्छा तो दूसरा बुरा…गूगल के साथ भी कुछ ऐसा ही है…गूगल के जितने फायदे हैं तो नुकसान भी है…गूगल आपको आपसे ज्यादा जानता है. वो सारी जानकारियां जो हमने गाहे बगाहे गूगल को दी हैं. चाहे वो एन्ड्रॉएड फोन इस्तेमाल करना हो या जीमेल पर मेल मंगवाना या भेजना हो. आपकी लोकेशन से लेकर आने वाले सभी पलों की जानकारियां गूगल के पास मौजूद हैं..सोच कर देखिए कि..क्या हो अगर ये सभी जानकारियां कोई हैक कर ले. मतलब साफ है गूगल पर हमारा इस कदर आश्रित होना उतना ही खतरनाक है जितना कि भीड़ में खुद की पहचान को साबित करना…अब हर व्यक्ति एक गूगल आईडी है….महज एक गूगल आईडी.