नई दिल्ली: भारत में जहां देश एक साथ कोरोना वायरस की जंग लड़ रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल और केंद्र के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है. कोरोना लॉकडाउन के दौरान पश्चिम बंगाल में प्रवासियों की ट्रेनों की एंट्री को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी को पत्र लिखा और आरोप लगाया कि उनकी सरकार प्रवासियों की ट्रेनों को राज्य में आने से रोक रही है, जो कि एक तरह से अन्याय है. अमित शाह के इस पत्र के बाद अब टीएमसी ने पलटवार किया है. राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गृह मंत्रालय पर हमला करते हुए आरोप लगाया है कि वह देश के सामने गलत तथ्य रख रहा है. उन्होंने कहा कि देश को गुमराह करने के लिए अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए.
राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गृह मंत्रालय पर हमला करते हुए कहा, भारत का गृह मंत्रालय गहरी नींद से उठ गया है. गृह मंत्रालय को अभी तक इस बात की खबर नहीं लगी है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने कितने प्रवासियों को अपने राज्य में बुलाया है. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय अभी तक जैसे सो रहा था वैसे ही सो सकता है. आप कभी ममता बनर्जी की तरह नहीं बन सकते. डेरेक ओ ब्रायन ने गृह मंत्रालय पर आरोप लगाया कि संकट की इस घड़ी में वह नफरत और कट्टरता की राजनीति खेलना चाहता है.
डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर आरोप लगाया कि लॉकडाउन को गलत तरीके से लगाया गया, जिसका परिणाम प्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जितने भी प्रवासियों की मौत हुई है उसका जिम्मेदार कौन है. उन्होंने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन से पहले किसी भी राज्य से परामर्श नहीं किया, जिसके कारण स्थिति इतनी विकट हो गई. गृह मंत्रालय, पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रवासी कामगारों को वापस न लाने का आरोप लगा रहा है जबकि 80,000 से अधिक कार्यकर्ता घर लौट चुके हैं.
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय की नीयत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को तो इतने सारे पत्र लिख दिए लेकिन कर्नाटक को कुछ भी नहीं बोला गया, जबकि कर्नाटक के सीएम ने प्रवासी मजदूरों के आंदोलन को रोक दिया. यूपी में श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया.