नई दिल्ली: देश के सरकारी बैंकों को वित्त मंत्रालय बड़ी राहत देने की तैयारी में है. बैंकों की आर्थिक सेहत को दुरुस्त करने के लिए वित्त मंत्रालय चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंकों को पूंजी समर्थन उपलब्ध करा सकता है.
दरअसल, सरकार की ओर से संसद के बीते सत्र में पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए 20,000 करोड़ रुपये के कोष को मंजूरी दी गई है. संसद ने 2020-21 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांग के पहले बैच के तहत पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए 20,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
सरकारी बैंकों की सुधरेगी सेहत?
खबरों के मुताबिक रेग्युलेटरी कैपिटल की अनिवार्यता को पूरा करने के लिए अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में बैंकों को ये पूंजी उपलब्ध कराई जा सकती है. क्योंकि बैंकों के दूसरी तिमाही के नतीजों से ये साफ हो जाएगा कि किस बैंक को रेग्युलेटरी कैपिटल की जरूरत है और उसी के अनुरूप पुनर्पूंजीकरण बॉन्ड जारी किए जाएंगे.
वहीं सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष के दौरान इक्विटी और बॉन्ड के जरिये पूंजी जुटाने को पहले ही शेयरधारकों की मंजूरी मिल चुकी है. गौरतलब है कि सरकार ने बजट 2020-21 में पब्लिक सेक्टर बैंकों में पूंजी डालने को लेकर कोई ऐलान नहीं किया था. लेकिन अब हालात को देखते हुए सरकार ने ये कदम उठाए हैं.