प्रदेश के राजकीय हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में अब बीएड कॉलेजों के विद्यार्थी भी पढ़ा सकेंगे. उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला को कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं. विद्यार्थीयों को इसके बदले माध्यमिक शिक्षा विभाग उन्हें प्रमाण पत्र भी देगा.
स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली होने से पाठ्यक्रम समय पर पूरा कराने की समस्या खड़ी हो गई है. गणित, अंग्रेजी और विज्ञान के शिक्षक नहीं होने से विद्यार्थी और अभिभावक चिंतित हैं.
बीते दिनों हुई विभाग की समीक्षा बैठक में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया. प्रदेश में 2258 राजकीय हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता के 8458 में से 5318 और सहायक अध्यापकों के 18,491 में से 11440 से ज्यादा पद खाली है. उधर, लोक सेवा आयोग में भी 3,240 प्रवक्ता और 10,768 सहायक अध्यापकों की भर्ती अटकी हुई है.
सभी जिला विद्यालय निरीक्षक उनके जिलों में स्थित राजकीय और निजी बीएड कॉलेजों से संपर्क कर विद्यार्थियों को स्कूलों में तैनात करेंगे. बीएड विद्यार्थियों को उनकी सुविधा के अनुसार निकटवर्ती ग्रामीण एवं शहरी स्कूल में छह-छह महीने पढ़ाने के लिए तैनात किया जाएगा. विभाग का मानना है कि इससे बिना किसी खर्च के स्कूलों में शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था होगी.