नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य के बागी तेवर कम नहीं हो रहे हैं. वे ‘सड़क पर उतरने’ वाले अपने बयान पर आज भी कायम हैं. उन्होंने आज एक बार फिर दोहराया कि अगर कांग्रेस जिन मुद्दों को अपने वचन पत्र यानी घोषणा पत्र में शामिल की थी, उसे अगर लागू नहीं करती है तो हमें सड़क पर उतरना होगा.
सिंधिया ने आज ग्वालियर में कहा, ‘मैं जनता का सेवक हूं. जनता के मुद्दों के लिए लड़ना मेरा धर्म है. हमें सब्र रखना होगा. जिन मुद्दों को हमने अपने वचन पत्र में शामिल किया है, उन्हें पूरा करना ही होगा. अगर ऐसा नहीं होगा तो हमें सड़क पर उतरना ही होगा.’
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादत्य सिंधिया के बीच तल्खी कम नहीं हो रही है. हाल ही में किसानों की कर्जमाफी और गेस्ट टीचर के मुद्दे पर दोनों आमने-सामने दिखे. सिंधिया ने कांग्रेस का घोषणापत्र लागू नहीं होने पर सड़कों पर उतरने की बात तक कही थी.
कल यानी रविवार को कमलनाथ कैबिनेट में मंत्री गोविंद सिंह ने सिंधिया को नसीहत देते हुए कहा था कि वह पार्टी के सीनियर नेता हैं. उन्हें सार्वजनिक तौर पर ऐसे बयान नहीं देने चाहिए.
गोविंद सिंह ने कहा था कि जो कोई सड़क पर उतरना चाहते हैं, उतर सकते हैं. सरकार अपना वादा पांच साल में पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, न कि एक साल में. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने जो काम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी को सौंपा है, वह काम कांग्रेस के नेताओं को नहीं करनी चाहिए.
गुरुवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि यदि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र (मेनिफेस्टो) को पूरा लागू नहीं करती है तो वह सड़कों पर उतरेंगे. सिंधिया के बयान उस बयान (किसानों की कर्जमाफी नहीं होने पर सड़क पर उतरूंगा) पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीधा जवाब देते हुए कहा, ‘तो उतर जाएं’.