सरायकेला/खरसावां: ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र भले ही राजनीतिक अखाड़े का केंद्र बिंदु रहा है मगर यहां सरकारी मशीनरी आज भी लाचार और बेबस है. हर चुनाव में क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के दावे किए जाते रहे हैं मगर भ्रष्ट सिस्टम के कारण आज भी यह ईलाका पिछड़ा ही रह गया है. यहां के लोगों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है. वहीं स्वास्थ्य के मामले में भले ही यहां पीएचसी, सीएचसी सदर और अनुमंडल स्तरीय अस्पताल मौजूद हैं मगर डॉक्टरों की कमी के कारण ये सरकारी अस्पताल किसी काम के नहीं रह गए हैं.
वैसे इन दिनों ट्रेडिशनल हेल्थ केयर पद्धति इलाके में काफी चर्चा बना हुआ है. हम बात कर रहे है सरायकेला जिला के कुकड़ू प्रखंड मुख्यालय से महज दो किलोमीटर दूर स्थित डाटम की जहां दस बेड का अस्पताल की. इलाके के गरीबों के लिए वरदान बनता जा रहा है जहां एक्यूप्रेशर और नेचुरोपैथी पद्धति से शुगर, ब्लडप्रेशर, पैरालाइसिस आदि गंभीर बीमारियों का सफलतापूर्वक तरीके से ईलाज किया जा रहा है. जहां रांची, सरायकेला, ओडिसा, पोटका, पटमदा और बंगाल के मरीज पहुंचते हैं और सफलतापूर्वक ईलाज कराते हैं.
अस्पताल के संस्थापक डॉक्टर विश्वनाथ सिंह बताते है कि वर्ष 2010 से अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के चिकित्सकों के सहयोग से यह अस्पताल बगैर सरकारी सहयोग से चल रहा है. वहीं अबतक करीब दस हजार मरीज इलाज करा चुके है. वहीं डॉक्टर सिंह का मानना है कि पीएम मोदी द्वारा ट्रेडिशनल चिकित्सा के लिए सदन में लाए गए बिल से आनेवाले दिनों में लाभ मिलेगा.
आपको बता दे कि इस अस्पताल की खासियत ये है कि यहां निःशुल्क अमेरिका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के चिकित्सकों का दल समय-समय पर आकर मरीजों को सेवा देते हैं. फिलहाल अमेरिकी डॉक्टर साइमन और इंग्लैंड की महिला डॉक्टर इवा नेज यहां मरीजों का ईलाज करने पहुंची है जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों चिकित्सक दिन रात यहां मरीजों की सेवा करने में व्यस्त हैं, वो भी बगैर किसी भेदभाव के.
वहीं यहां ईलाज करा रहे मरीज यहां की व्यवस्था से काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं. साथ ही मरीजों ने विदेशी डॉक्टरों की काफी सराहना की है. यदि सरकार इस अस्पताल पर ध्यान देती है और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराती है तो आने वाले दिनों में यह अस्पताल लोगो के लिए वरदान साबित होगा.