सिकन्दर शर्मा,
दुमका: पुर्व समाज कल्याण मंत्री एवं भाजपा नेत्री लुईस मरांडी झारखंड सरकार ने कोरोना की लड़ाई को कानुनी अमलीजामा पहनाया. सरकार ने एक अध्यादेश लाकर मास्क नहीं पहनने बालों पर एक लाख का जुर्माना और दो साल की सजा का प्रावधान किया है.
झारखंड सरकार की मंशा साफ है कि लोगों का जीवन बचाने के साथ-साथ जीविका को भी बचाया जाये. इस कानुन के आते ही राजनीति प्रारंभ हो गयी है.
भाजपा की भूतपूर्व कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने इस कानुन को अव्यवहारिक बताया और इसे सरकार का तुगलकी फरमान कहा जो सख्ती के नाम पर जनता का दोहन कर रही है.
जब इस कानून के संबंध में जनता से पुछा गया तो जनता की मिली जुली प्रतिक्रियां सामने आयी. इतना तो तय है कि सरकार की मंशा लोगो को कोरोना महामारी की भयावहता से बचाना है, लेकिन व्यवहारिक रूप में इस कानुन को अमलीजामा पहनाने में सरकार के सामने बहुत सारी कठिनाईयां सामने आने बाली है.
खास कर झारखंड के ऐसे जिलो में जहां की अधिकांश जनता गांवों में रहती है. झारखंड की उपराजधानी दुमका जो पहले से ही पिछड़ा जिला है. इस जिला के लोग अशिक्षा गरीबी बेरोजगारी से पहले से ही जुझ रहे है.
वैसे जिला में इस कानुन को धरातल पर लाना अपने आप मे एक प्रश्न है. अच्छा होता अगर सरकार इस कठोर कानुन के बदले ऐसा कानुन लाती जो व्यवहारिक होती और प्रशासन द्वारा उसका शक्ति से पालन कराया जाता. यह तो समय ही बताएगा की सरकार द्वारा लागु की गयी इस कानुन से कोरोना संक्रमण को रोकने में कितनी मदद मिलती है.