दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति के हालिया बदलावों के बारे में व्हाट्सएप के सीईओ विल कैथार्ट को पत्र लिखा है. पत्र में नई डाटा पॉलिसी, फेसबुक के साथ डाटा शेयरिंग आदि के बारे में व्हाट्सएप के सीईओ से जवाब मांगा गया है, हालांकि यह बात सूत्रों से ही पता चली है. सरकार या मंत्रालय ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
बता दें कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर संसद की स्थायी समिति की 21 जनवरी को होने वाली बैठक में व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति में बदलाव पर चर्चा होगी. इस बैठक में फेसबुक और ट्विटर के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. सूत्रों ने बताया कि समिति ने फेसबुक व ट्विटर के अधिकारियों को समन भेजकर तलब किया है.
लोकसभा सचिवालय के नोटिस के मुताबिक, समिति की अगली बैठक का एजेंडे में व्हाट्सएप की गोपनीयता नीति पर केंद्रित होगा और नागरिकों की सुरक्षा के अधिकार पर फेसबुक व ट्विटर के प्रतिनिधियों के विचारों को सुना जाएगा. साथ ही डिजिटल दुनिया में महिला सुरक्षा पर विशेष जोर के साथ सोशल व ऑनलाइन न्यूज मीडिया का दुरुपयोग रोकना भी इसका हिस्सा होगा.
प्राइवेसी मामले पर दिल्ली हाई-कोर्ट की टिप्पणी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर दायर एक याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. न्यायालय ने कहा कि अगर आपकी निजता प्रभावित हो रही है, तो आप व्हाट्सएप डिलीट कर दीजिए. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर सरकार को एक्शन लेना चाहिए, ये निजता का उल्लंघन है.
व्हाट्सएप जैसा प्राइवेट एप आम लोगों से जुड़ी व्यक्तिगत जानकारियों को साझा करना चाहता है, जिस पर रोक लगाने की जरूरत है. इसपर दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से कड़ी टिप्पणी की गई. दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि यह एक प्राइवेट एप है, अगर आपकी निजता प्रभावित हो रही है, तो आप व्हाट्सएप को डिलीट कर दीजिए. न्यायालय ने कहा कि क्या आप मैप या ब्राउजर इस्तेमाल करते हैं? उसमें भी आपका डाटा शेयर किया जाता है.