मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र के एक थानेदार द्वारा एक महिला की पिटाई पर पूरे राज्य भर में गुस्सा है. आप के झारखंड प्रभारी डॉ. अजय ने संबंधित मामले पर अपना बयान जारी किया है. आप नेता डॉ. अजय कुमार ने सरकार से मांग की है कि थाना प्रभारी को तत्काल बर्खास्त किया जाए और एफआईआर कर उसे जेल भेजा जाना चाहिए.
साथ ही थाना प्रभारी की सैलरी से एक लाख रुपये प्रताड़ित महिला को बतौर मुआवजा दिया जाए. ताकि प्रशासनिक हल्कों में कड़ा संदेश जाए. राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. अगर सरकार आरोपी थाना प्रभारी को बर्खास्त नहीं करेगी तो आम आदमी के सुरक्षा सम्मान के लिए हमें सड़क पर आंदोलन करने के लिये बाध्य होना होगा.
राज्य में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर डॉक्टर अजय ने गहरी चिंता जताते हुए कहा कि यह खबर तो जनता के बीच फैल गई इसलिए कारवाई भी होगी पर राज्य में महिला सुरक्षा की स्थिति ठीक नहीं. झारखंड में प्रतिदिन महिलाओं के उत्पीड़न, शोषण और प्रताड़ना की खबरें मिलती रहती हैं.
सरकार को महिला सुरक्षा हेतु सजग और सख्त निर्देश जारी करने चाहिए. एक तो ऐसे ही डर से महिलायें और ग्रामीण इलाके के लोग प्रशासन का सहयोग नहीं ले पाते. अगर इस तरह प्रशासन का क्रुरता थानों में होगी तो कैसे हम समाज में सुरक्षा और शांति का माहौल बना पायेंगे. राज्य की जनता में प्रशासन के प्रति भय है. जबकि प्रशासन के प्रति जनता का विश्वास होना जरुरी है. प्रशासन का काम जनता को जागरूक कर उनके सहयोग से सुरक्षा और शांति का माहौल बनाना है ना कि डंडे के दम पर डर का आतंक फैलाना.
अगर इसी तरह प्रशासन डर का माहौल बनाती रही तो राज्य की जनता का विश्वास प्रशासन और सरकार पर बन पाना मुश्किल है.