रांची: झारखंड स्टेट बार काउंसिल के वाईस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा है कि झारखंड में अधिवक्ताओं के साथ लगातार दुर्व्यवहार और विभिन्न प्रकार की घटनाएं घटती रहती है.
इसलिए राज्य के अधिवक्ताओं के व्यापक हित में झारखंड अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना आवश्यक है, ताकि वे अपने दायित्वों का निर्भय होकर पालन कर सके.
अधिवक्ताओं की भूमिका न्याय दिलाने में बड़ी महत्वपूर्ण है, लेकिन उन्हें लगातार कई तरफ से धमकियां मिलती है, हमले होते है, दुर्व्यवहार होते है जिससे उनका मनोबल गिरता है.
शुक्ल ने कहा है कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने 2019 में ही झारखण्ड सरकार के पास झारखंड अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट बिल का प्रारूप बनाकर राज्य सरकार को सुपुर्द किया, लेकिन वह राज्य सरकार के विधि विभाग के पास लंबित पड़ा है. जिस पर राज्य सरकार को पहल करना चाहिए ताकि झारखंड में अधिवक्ता निर्भीकता से अपने कानूनी क्षेत्र के दायित्व का निर्वहन कर सके.
शुक्ल ने झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज ई-मेल भेजकर झारखंड एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को शीघ्र लागू करने का आग्रह किया है जो राज्य सरकार के विधि विभाग के पास लंबित है.
उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को अपने कैबिनेट से पूर्व में ही मंजूरी दिया था. झारखंड में भी बिना बिलम्ब के इसे मंजूरी मिलनी चाहिए.
शुक्ल के नेतृत्व में झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य इस संबंध में कुछ महीने पूर्व झारखंड की राज्यपाल और मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंप चुके है.