मुंगेर: जहां एक ओर कोरोना महामारी की वजह से पुरा प्रदेश कांप रहा है वहीं इस महामारी कि चपेट में कई पुलिसकर्मी, डॉक्टर सहित कई सरकारी सेवा से जुड़े लोग आ चुके हैं.
वहीं अब तक शिक्षा विभाग के दो डी पी ओ समस्तीपुर एवं लखीसराय, चुनाव का मास्टर ट्रेनिग लेने गए एक शिक्षक, सीवान के एक और पटना के दो शिक्षकों सहित कुल 6 शिक्षक एवं पदाधिकारियों की अकाल मृत्यु हो चुकी है.
अभी भी इन घटनाओं से चेतने के वजाए सरकार अपने हठधर्मिता में शिक्षकों के लिए नित्य दिन नए फरमान जारी कर मौत के मुंह में धकेलने पर आमदा है.
वहीं सरकार को अन्य कई जगहों से शिक्षकों के भी कोरोना संक्रमित होने की सूचना मिल रही है. लेकिन बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था वाले प्रदेश में विकराल हो चुके कोरोना महामारी के बीच बिना काम के भी सभी शिक्षकों को विद्यालय जाने, कभी नामांकन पखवारा करने तो कभी लॉकडाउन में ही गांव भर के लोगों को इकट्ठा कर चावल वितरण करने जैसे सनकी फरमान जारी करती है.
उक्त बातें आदर्श अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राना शारणधर सिंह ने कही और कहां ऐसे समय में आदर्श अध्यापक संघ सभी मृतक पदाधिकारियों एवं शिक्षकों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करती है और सरकार से उनके आश्रितों को 1-1 करोड़ रुपए के मुआवजा एवं अनुकंपा पर नौकरी देने की मांग करती है व साथ ही चावल वितरण, नामांकन पखवारा, चुनाव प्रशिक्षण और बेवजह का शिक्षकों को विद्यालय आने जैसे फरमान पर अभिलंब रोक लगाते हुए जब तक कोरोना पर नियंत्रण ना पा लिया जाए, राज्य के सभी विद्यालय को पुर्णतः बंद रखने की मांग की और कहा ऐसी स्थिति में अब अगर एक भी शिक्षकों की मौत हुई तो संघ इसके लिए सरकार को जिम्मेदार मानते हुए हत्या का मुकदमा एवं आंदोलन करने को बाध्य होगी.