आशका पटेल
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ने महिलाओं को मान-सम्मान दिलाने का काम किया है. गरीब और आदिवासी महिलाओं के घरों में शौचालय बनवा कर उन्हें इज्जत, प्रतिष्ठा दिलायी और गैस सिलिंडर देकर दमा और अन्य बीमारियों से निजात दिलाया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड के प्रत्येक गरीब परिवार की दो बच्चियों को 70-70 हजार रुपये देगी. यह राशि उनकी पढ़ाई से लेकर शादी तक के लिए दी जायेगी. मुख्यमंत्री सुकन्या योजना और मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत यह राशि दी जायेगी. राजधानी के हरमू मैदान में आयोजित कमल सखी सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बातें कहीं.
उन्होंने कहा कि सात लाख बहनों ने रक्षा सूत्र बांधने का काम किया है, उन्हें विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपका दास आपके सुख दुख में 24 घंटे खड़ा रहेगा. कार्यक्रम में भाजपा महिला मोर्चा की तरफ से मुख्यमंत्री को रक्षा सूत्र बांधा गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 80 लाख बच्चों का स्कूल ड्रेस अब सखी मंडलों के जरिये बनवाया जायेगा. इसका आदेश दिया जा चुका है. सरकार बच्चों को सिर्फ ड्रेस ही नहीं, उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में पौष्टिक आहार भी उपलब्ध करायेगी. 500 करोड़ रुपये का रेडी-टू-ईट योजना का क्रियान्वयन अब महिलाएं करेंगी. पहले दिल्ली, मुंबई की कंपनियां पौष्टिक आहार बना रही थीं. अब महिलाएं यह काम करेंगी.
केंद्र और राज्य की डबल इंजन की सरकार ने गरीब महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत डबल सिलिंडर दिया. उन्होंने कहा कि झारखंड में कम उम्र में युवतियों का विवाह होने से कई तरह की परेशानी होती थी. इसलिए हमने पहले पढ़ाई, फिर विदायी योजना शुरू की है.
कम उम्र की गर्भवती महिलाओं की मृत्यु को कम करने की जवाबदेही, पार्टी के कार्यकर्ताओं पर छोड़ी गयी है. डिलिवरी के समय माताओं की मृत्यु कम हो. इसकी पहल शुरू कर दी गयी है. पार्टी कार्यकर्ता गांवों में जाकर कम उम्र में होनेवाली शादी के खिलाफ प्रचार करें. गर्भवती माताओं के लिए सरकार छह हजार रुपये देती है. इसका अधिक से अधिक प्रचार हो, ताकि मातृत्व मृत्यु दर को कम किया जा सके. सरकार ने मुख्यमंत्री सुकन्या योजना शुरू की हे, जिसमें जन्म के समय पांच हजार रुपये, पांचवीं, आठवीं, दसवीं में पांच-पांच हजार रुपये दिये जायेंगे. 12 वीं में 10 हजार रुपये. जन्म से लेकर पढ़ाई और शादी तक का खर्च सरकार वहन करेगी.
झारखंड की आदिवासी महिलाएं संभाल रहीं कुटुंब व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की महिलाएं , आदिवासी बहनें, बुआई से लेकर कटाई तक का काम करती हैं. परिवार चलाने का काम करती हैं. महिला शक्ति नारी शक्ति है. ये कुटुंब व्यवस्था का हिस्सा है. इस शक्ति को हमारी सरकार राज्य की शक्ति बनाना चाहती है. 43 हजार एसएचजी था. हमारी सरकार ने सखी मंडल के माध्यम से ग्रामीण बहनों को संगठित कर, नया एसएचजी का गठन कर रही हैं. बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में संस्कार मिल रहा है. पूरे देश में पोषण सप्ताह चल रहा है. हमारे झारखंड के बच्चे शारीरिक रूप से षौष्ठव बनें. महिला मोर्चा अपने अपने गांवों में जाकर जागरुकता फैलाये. अशिक्षा के कारण दुष्प्रचार करते हैं.
छह दशकों में कांग्रेस और अन्य ने कुछ नहीं किया
60 वर्षों में कांग्रेस और अन्य ने शासन किया. गरीब के घरों के बारे में कभी नहीं सोंचा. हर गरीब के घर में उज्जवला गैस से खाना बनायें. यह भाजपा की सरकार ने दिया. मान सम्मान के लिए शौचालय बनवाया. झारखंड की महिलाएं अपनी क्षमता और शक्ति का काम रानी मिस्त्री के रूप में कर रही हैं. हर पंचायत में दो-दो मिट्टी का डॉक्टर बना रहे हैं. मिट्टी का टेस्ट कर उपज बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं. एक लाख रुपये का किट दे रहे हैं. पंचायत भवन में सुविधाएं दे रहे हैं.