रांची: झारखंड प्रादेशिक गौशाला संघ के प्रदेश महामंत्री एवं जीव जंतु कल्याण बोर्ड झारखंड सरकार के पूर्व मनोनीत सदस्य अनिल मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को पत्र लिख कर झारखंड में गायों को चारा मिलने में आ रही दिक्कत को दूर करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 27 गौशालाएं है. इन गौशालाओं में गाय के चारे के रूप में बिचाली का उपयोग किया जाता है.
बिचाली की अधिकतर खेप पश्चिम बंगाल से आती है. किंतु कोरोना वायरस के कारण बिचाली की ट्रांसपोर्टिंग में दिक्कत हो रही है.
इसके अलावा भी राज्य के विभिन्न जिलों में भी बिचाली के आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
उन्होंने सरकार से मांग की है कि गायों के चारे को भी अत्यावश्यक सेवाओं में शुमार कर उसके लिए त्वरित परमिट निर्गत किया जाए, ताकि गायों को भरपूर चारा मिल सके.
उन्होंने कहा कि इसके अलावे प्रदेश की अधिकतर गौशालाएं हरे चारे के उत्पादन अपने स्तर पर भी कर रही है. किंतु उसकी मात्रा अभी नाकाफी साबित हो रही है.
इसलिए गौशालाएं बिचाली पर निर्भर है.अतः उन्होंने मांग की है कि इस विषय में त्वरित संज्ञान लिया जाए, ताकि गौ माता को चारा सहज उपलब्ध हो सके.