रांची: राज्य सरकार ने झारखंड हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिक गौतम के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक को खत्म करने का आग्रह किया है. अनामिका गौतम देवघर में भूमि घोटाला मामले में आरोपी है. इनके खिलाफ पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.
जानकारी के अनुसार, आज अनामिका गौतम की ओर से भी मामले में क्वैशिंग याचिका दायर कर की गयी है. यह याचिका जस्टिस आनंद सेन गुप्ता की अदालत में दायर की गयी है. अदालत ने इस मामले पर अंतिम सुनवाई के लिए अब 27 जनवरी की तिथि तय की है. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने और अनामिका गौतम की ओर से अधिवक्ता आरएस मजीमदार और दिवाकर उपाध्याय ने पक्ष रखा.
क्या है मामला-
गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे और उनकी पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ औने-पौने दाम में बेनामी जमीन अपने नाम कराने और सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर जालसाजी करने और नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया गया था. देवघर के बम्पास टाउन निवासी विष्णुकांत झा ने देवघर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. झा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी पत्र लिखकर जांच की मांग की थी. पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव, सीआइडी एडीजी समेत देवघर एसपी को दी गई थी.
20 करोड़ की जमीन 3 करोड़ में खरीदी:
आवेदन में कहा गया था कि नगर थाना अंतर्गत तिवारी चौक के पास एलओकेसी धाम की लंबी-चौड़ी बेनामी जमीन अनामिका के नाम से पिछले वर्ष 20 अगस्त को खरीदी गई. सांसद ने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर अधिकारियों की मिलीभगत से 20 करोड़ की जमीन तीन करोड़ में रजिस्ट्री कराई. विष्णुकांत ने देवघर के रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार, देवघर सीओ, अनामिका, शेषाद्री दुबे व अनामिका के अधिवक्ता पर शपथपत्र में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था.
साथ ही यह भी आरोप लगाया था कि इतनी बड़ी रकम नकद देने का प्रावधान नहीं है. इसलिए मामला मनी लांड्रिग व सरकार के साथ धोखाधड़ी करने तथा सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाने का है. उन्होंने जांच कर कार्रवाई की मांग की थी.
वहीं मुख्यमंत्री को पत्र में कहा गया था कि देवघर में जिस जमीन पर निशिकांत ने मकान बनाया है उसका भुगतान किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया गया था. मांग की गई थी कि निशिकांत और ध्रुवकांत कुशवाहा के बीच संबंध का पता लगाया जाए, क्योंकि सांसद ने जिस जमीन पर घर बनाया है, वह कार्निवाल इंपीरियो एलएलबी के नाम से निबंधित है, जिसका प्रतिनिधित्व कुशवाहा ने किया था.