नई दिल्ली: हाल के दिनों में बुजुर्गों को बच्चों के द्वारा नजरअंदाज किए जाने की घटना की बढ़ोत्तरी को देखते हुए सरकार ने मेंटिनेंस ऐंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007 के तहत बुजुर्गों का ख्याल रखने वालों की परिभाषा को और विस्तार दिया है.
केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से न सिर्फ खुद के बच्चों, बल्कि दामाद और बहू को भी देखभाल के लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है.
नए नियम में माता-पिता और सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, चाहे वे सिनियर सिटिजन हों या नहीं. उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है.
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ में छपी खबर के मुतबिक इस अधिनियम में 10 हजार रुपये मेंटिनेंस देने की सीमा को भी खत्म किया जा सकता है.
बुजुर्गों की देखभाल करने वालों की शिकायत करने पर उन्हें 6 महीने कैद की सजा हो सकती है, जो अभी तीन महीने है. देखभाल की परिभाषा में भी बदलाव कर इसमें घर और सुरक्षा भी शामिल किया गया है.
देखभाल के लिए तय की गई राशि का आधार बुजुर्गों, अभिभावकों, बच्चों और रिश्तेदारों के रहन-सहन के आधार पर किया जाएगा.
प्रस्ताव पास होने की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बिल लाने का मकसद बुजुर्गों का सम्मान सुनिश्चित करना है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बुजुर्गों के लिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को शुरू किया गया है. इस योजना के तहत बुजुर्गों के लिए पेंशन की व्यवस्था की गई है.
बता दें कि सरकार अपनी इस योजना को LIC के जरिए संचालित कर रही है. मतलब यह हुआ कि अगर आपको इस योजना का लाभ लेना है तो आपको LIC एजेंट या LIC के ऑफिस में संपर्क करना होगा.
PMVVY के तहत वरिष्ठ नागरिकों को हर महीने एक निश्चित रकम की व्यवस्था करती है. इस योजना के तहत सिर्फ 60 साल की उम्र पार कर चुके नागरिक ही इसका फायदा उठा सकते हैं. इसके अलावा उनका भारत का नागरिक होना भी जरूरी है. कोई भी व्यक्ति 60 वर्ष की आयु के बाद इस स्कीम का हिस्सा बन सकता है. इस स्कीम में उम्र का कोई भी प्रतिबंध नहीं है. इस योजना के तहत बुजुर्गों को हर महीने एक निश्चित पेंशन मिलती है.
हालांकि पेंशन की यह रकम सिर्फ 10 साल तक ही मिलती है. अगर किसी व्यक्ति को 10 साल बाद फिर से पेंशन शुरू करना है तो उसे दोबारा इस योजना में निवेश करना होगा.
इस योजना के तहत निवेशक की ओर से चुने गए समय पर उसके अकाउंट में पैसा क्रेडिट हो जाएगा. निवेशक मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक विकल्पों के साथ पेंशन के क्रेडिट के लिए समय के विकल्प को चुन सकते हैं.