गुमला: प्रखंड क्षेत्र के सिलाफारी पंचायत में 8 फरवरी को विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया था. लेकिन वार्ड सदस्यों की अनुपस्थिति में बंद कमरे में किए जा रहे ग्रामसभा का ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध किया और मुखिया बंधु उरांव के कार्यकाल में किए गए सभी कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरोध में कार्रवाई करने की मांग की गई.
गांव के उमेश साहू आशीष कुमार, दिलीप साहू राजेंद्र साहू रविंद्र साहू धनंजय साहू आदि अनेक लोगों ने बताया कि 8 फरवरी को विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया था. लेकिन पंचायत के वार्ड सदस्यों को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी.
ग्राम सभा की बैठक में मात्र 2 वार्ड सदस्य उपस्थित थे. इसके साथ ही मुखिया पंचायत सेवक वार्ड सदस्य एवं ग्रामीणों को मिलाकर कुल 22 लोग उपस्थित थे, जिसके कारण ग्रामीणों ने विशेष ग्रामसभा को बंद करना ही उचित समझा और विरोध करना शुरू कर दिया. लेकिन पंचायत सेवक ने कहा कि ग्राम सभा की बैठक हो गई है अब कुछ भी नहीं हो सकता है.
ग्रामीणों तथा वार्ड सदस्यों ने बताया कि पंचायत में कुल 11 वार्ड सदस्य हैं, लेकिन 9 सदस्यों को बैठक की सूचना भी नहीं दी गई थी. मात्र 2 वार्ड सदस्य की उपस्थिति में विशेष ग्रामसभा का क्रियाकलाप बंद कमरे में चल रहा था. इसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए और विरोध करते हुए नए सिरे से ग्राम सभा की बैठक कराने की मांग की. लेकिन ग्राम सभा की बैठक बंद कमरे में निपटारा कर लिया गया है, जिसके कारण पंचायत सेवक ने कहा कि ग्राम सभा की बैठक हो चुकी है. इस पर दोबारा कुछ भी कर पाना संभव नहीं. मुखिया और पंचायत सेवक के मनमानी पूर्ण कार्यों को देखते हुए क्षेत्र की जनता ने मुखिया बंधु उरांव के कार्यकाल में किए गए सभी विकास के कार्यों की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के विरोध में कार्रवाई करने का मांग किया है.