-
खून से सने बिस्किट लिए हुए मासूम ने कहा- मुझे मां के पास जाना है… दादा नहीं उठ रहे….
जम्मू-कश्मीर: सोपोर में सीआरपीएफ के गश्ती दल पर आतंकियों ने हमला किया है. हमले में एक जवान शहीद हो गया है, जबकि सीआरपीएफ के तीन जवान घायल हुए हैं, एक नागरिक भी इस हमले में घायल हुआ है. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इसी गोलीबारी के बीच एक आम नागरिक की भी मौत हो गई. यह आम नागरिक तीन साल के एक छोटे बच्चे के दादा थे. इस बीच एक 3 साल के बच्चे की तस्वीर सामने आई है, जिसे भारतीय जवान अपनी गोद में लिए हुए है.
मिली जानकारी के मुताबिक ये वही बच्चा है जिसके दादा की इस आतंकी हमले में मौत हुई है. बच्चा इतना मासूम है कि उसको कुछ समझ में ही नहीं आया. इस हमले के दौरान बच्चे की जान तो बच गई लेकिन उसके दादा इस दुनिया में नहीं रहे.
वायरल हो रही तस्वीरों में मासूम अपने दादा के शव पर बैठकर खेलने लगा. शायद उसे भी नहीं पता था कि उसके दादा को कायर आतंकियों ने मौत की नींद सुला दिया है. गोलियों की तड़तड़ाहट से बेहद डरा हुआ बच्चा बस जोर-जोर रोया जा रहा था.
दादा कुछ काम से घर के बाहर जा रहे थे. पोता भी उनके साथ हो लिया था. शायद जिद्द की होगी उसने कि वो भी साथ चलेगा. कुछ देर बाद वो एक ऐसी जगह पहुंच गए थे, जहां पर यहां-वहां से गोलियां चल रहीं थीं. एक गोली आकर उसके दादा को लगी.
वो बेसुध से जमीन पर गिर पड़े. वो मासूम, जिसकी उम्र तीन साल होगी, उन्हें बेहोश खून में भीगा देख रोने लगा. उसे लगा शायद रोने पर दादा उठ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
गोलीबारी के बीच एक जवान उसे बचाने आया. वो मासूम रोए जा रहा था. सिसकियों के बीच सिर्फ यही आवाज आ रही थी कि उसे मां के पास जाना है. जवान ने उसे गोलियों से बचकर दूसरी तरफ आने का इशारा किया. वह उसे सुरक्षित बचाना चाहता था. वो बच्चा उस जवान के पास आया. उसे तो शायद ये भी नहीं मालूम था कि दादा अब नहीं उठेंगे.
बच्चे को एक दूसरे जवान के हवाले कर इस गोलीबारी वाली जगह से दूर ले जाया गया. तब भी रुक-रुककर फायरिंग तो चल ही रही थी. बच्चा भी रोए जा रहा था. बुलेट प्रूफ पहने एक सैनिक ने बड़े दुलार से उसे गोद में उठा रखा था.
मुटि्ठयों में बिस्किट और चॉकलेट्स रख दीं. कुछ शायद पहले से उसकी मुटि्ठयों में थीं भी. बिस्किट टूट चुके थे, तो कुछ दादा के खून से सने थे.
गोलियों की आवाज से दूर वह एक बख्तरबंद में बैठकर अपने घर लौट आया. ऑलिव ग्रीन कपड़े पहने कुछ हाथों ने उसकी उंगलियां पकड़ रखी थीं, जो थोड़ी देर पहले शायद बंदूक के ट्रिगर पर जमी होंगी.