उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जिला न्यायालय से श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र निर्माण ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य जगतगुरु वासुदेवानन्द सरस्वती को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने वर्ष 2005 में झूंसी थाने में दर्ज मुकदमा वापस लेने की अनुमति दे दी है. बता दें वासुदेवानन्द पर मारने, पीटने और मोबाइल छीनने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती, छोटे लाल मिश्रा और सुरेश को आरोपी बनाया गया था.
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती की ओर से राजेंद्र मिश्रा ने ये एफआईआर दर्ज कराई थी. मामले में योगी सरकार द्वारा मुकदमा वापस लेने की अर्जी कोर्ट में इसी साल 22 जनवरी को दाखिल की गई थी. अर्जी को अब कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कहा की मुकदमा सजा के लायक़ नहीं है. लिहाजा कोर्ट ने मुकदमा वापस लेने की अर्जी को अनुमति देते हुए सभी लोगों को उन्मोचित कर दिया. मामले में स्वामी वासुदेवानन्द सरस्वती की तरफ से ओंकार नाथ त्रिपाठी ने कोर्ट में बहस की.
वहीं दूसरी तरफ खबर हाईकोर्ट से है. यहां फंड की कमी से जल निगमकर्मियों का सालों से भुगतान न होने के मामले में हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को सेवानिवृत्ति भुगतान सुनिश्चित करने दिया निर्देश दिया है. कोर्ट ने अधिकारियों को दो हफ्ते में बैठकर समाधान निकालने का निर्देश दिया है. अपर मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव नगर विभाग, चेयरमैन व प्रबंध निदेशक उप्र जल निगम को ये निर्देश दिया गया है.