रंजना कुमारी,
रांची: झारखंड के रांची डिवीजन का हटिया स्टेशन साउथ ईस्टर्न रेलवे जोन के अंतर्गत आता है. हटिया स्टेशन की सुरक्षा सहित कई मामलों की पड़ताल बीएनएन भारत की टीम ने की. स्टेशन में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं था. वैसे तो राजधानी में गणतंत्र दिवस पर रेड अलर्ट जारी रहता है. गणतंत्र दिवस के तीन दिन पहले वहां हमारी टीम 2 घंटे बैठी रही. इस अवधि में किसी ने कुछ नहीं पूछा. हमारे टिकट की भी नहीं जांच की गई, जबकि स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट के बिना जाने पर जुर्माना लगता है. टिकट की अवधि भी मात्र दो घंटे की होती है.
गंदगी के नाम पर अगर देखा जाए तो स्टेशन का हाल बुरा है. इस बारे में स्टेशन मैनेजर से बात करने पर उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि साफ-सफाई के काम का निजीकरण हो चुका है. सुरक्षा के बारे में बात करने पर आरपीएफ की तरफ ध्यान दिलाया. आरपीएफ इंचार्ज से बात करने पर उन्होंने कहा कि सुबह से दोपहर 2 बजे तक वैसी भीड़भाड़ नहीं होती है. चोर उचक्के भी अक्सर भीड़ का ही फायदा उठाते हैं. विशेष अवसरों पर अलग से जांच की जाती है.
स्टेशन पर शौचालय और स्नानागार भी है. इसका उपयोग कीमत चुकाने के बाद ही यात्री कर सकते हैं. मिनिमम प्राइस ₹2 और मैक्सिमम ₹5 है. वेटिंग रूम में बैठे हुए यात्री इस व्यवस्था से नाराज भी दिखे. उन्होंने कहा कि पूरे भारत में मेरा यह पहला अनुभव है कि बाथरूम का उपयोग भी पैसे देकर करना पड़ रहा है. उसके बाद भी बाथरूम का हाल बेहाल था.
हालांकि हटिया रेलवे स्टेशन का औचक निरीक्षण कुछ देर पहले ही डीआरएम ने भी किया था. डीआरएम के औचक निरीक्षण के बावजूद भी बाथरूम का हाल बेहाल मिला. वैसे आमतौर पर स्टेशन पर लगी स्वचालित सीढ़ियां बंद रहती हैं लेकिन डीआरएम के निरीक्षण के दौरान यह चल रही थी.