सूर्यकांत कमल, चतरा : जिले के टंडवा थाना पुलिस के कारगुजारी का अनोखा मामला प्रकाश में आया है. अपनी खामियों को छुपाने के नियत से कांड के जांच अधिकारी के द्वारा दोषी के बजाय निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर फर्जी नाम से जेल भेजने की योजना का पर्दाफाश हुआ है. पुलिस के इस लालफीताशाही रवैये का खुलासा तब हुआ जब गिरफ्तार युवक को जेल भेजने से पूर्व सीजीएम ने शक के आधार पर उसके दस्तावेजों की जांच की. जांच में जो तथ्य सामने आए यह देख सीजेएम के होश पाख्ता हो गए. जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही मौजूद टंडवा थाना के जांच अधिकारी पुलिस अवर निरीक्षक सचिदानंद सिंह की जमकर क्लास लगा दी. साथ ही गिरफ्तार युवक को अविलंब छोड़ने का भी निर्देश दे दिया. दरअसल आईओ ने टंडवा थाना में दर्ज कांड संख्या 112/18 में कार्रवाई करते हुवे आरोपी को जेल भेजने के लिए अदालत में पेश किया था. मजे की बात तो ये है कि इस केश में कुंमडांग गांव निवासी लेखु सिंह को जेल भेजना था, लेकिन केस आईओ ने लेखु के बजाय गांव के ही मनीष कुमार सिंह नामक निर्दोष युवक को गिरफ्तार कर उसका चालान कर दिया था. आईओ ने मामले में होशियारी यह भी दिखाया था कि मनीष के नाम के बाद उर्फ लेखु लिख दिया था. बावजूद उसकी यह चालांकि न्यायालय में धरी की धरी रह गई. आधार कार्ड व पैन कार्ड से मिलान करने पर न ही कहीं लेखु मिला और ना ही उसके पिता का नाम और पता.