हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बुलागढ़ी गांव में 10 साल की लड़की के साथ कथित तौर हुए गैंगरेप और जबरन लाश जलाने के मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच जारी है. सीबीआई की टीम गुरुवार को आरोपियों के घर पहुंची. सीबीआई अधिकारी बारी-बारी से चारों आरोपियों के परिवार से पूछताछ कर रही है. इससे पहले बुधवार को पीड़िता के परिजनों से पूछताछ हुई थी.
अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि सीबीआई की एक टीम ने मंगलवार को कथित गैंगरेप और हत्या के मामले में पीड़ित 19 वर्षीय दलित पीड़िता के परिवार के सदस्यों से सवाल जवाब किए और घटनास्थल की जांच की. उन्होंने कहा कि दो दिन पहले प्राथमिकी दर्ज करने के बाद मंगलवार सुबह बुलगढ़ी गांव में अपराध स्थल पर पहुंची टीम ने पीड़िता के भाई को अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा.
पीड़िता के परिवार और गवाहों को त्रि स्तरीय सुरक्षा
इस बीच, CBI ने अपनी हाथरस टीम को पुलिस अधीक्षक रघुराम राजन के अधीन चार और अधिकारियों को नियुक्त किया है जो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, गाजियाबाद की कमान संभाल रहे हैं. एसीबी चंडीगढ़ से डिप्टी एसपी सीमा पाहुजा को मामले का जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. एडिशनल एसपी वीके शुक्ला, डिप्टी एसपी आरआर त्रिपाठी और ए श्रीमैथी जांच में शामिल हैं.अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई जांचकर्ताओं ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री (सीएफएसएल) के फोरेंसिक विशेषज्ञों से मिलकर क्राइम सीन का एनालिसिस किया. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाथरस मामले में पीड़ित परिवार के सदस्यों और गवाहों की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा लगाई गई है.
NGO पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
बता दें 19 वर्षीय दलित महिला का कथित रूप से हाथरस में चार लोगों द्वारा 14 सितंबर को बलात्कार किया गया था. 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पीड़िता का 30 सितंबर को उसके घर के पास रात में मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था. उसके परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें स्थानीय पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया. हालांकि, स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दाह संस्कार ‘परिवार की इच्छा के अनुसार’ किया गया था’
दूसरी ओर केरल के एक एनजीओ ने हाथरस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उच्च जाति समुदाय के सदस्यों के खिलाफ मीडिया द्वारा झूठे बयान दिए जा रहे हैं और झूठी बातें फैलाई जा रही हैं.मुन्नोका समुद्रय समृद्धि मुन्नानी (फॉरवर्ड कम्युनिटी वेलफेयर फ्रंट) द्वारा याचिका दायर की गई है.