हजारीबाग : मत्स्य विभाग के तत्वावधान में केजक्लचर के माध्यम से मत्स्यपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) स्वीकृति पत्र व पासबुक का वितरण किया गया. जामुनिया तथा कोनार डैम में केज कल्चर के माध्यम से मत्स्य पालन करने वाले 11 मत्स्य पालकों को मत्स्य विभाग हजारीबाग सभागार में लगभग 1.60 लाख रुपए मूल्य का किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किया गया.
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक, हजारीबाग के क्षेत्रीय प्रबंधक श्रीकांत कटारे ने कहा किसान क्रेडिट कार्ड में मात्र 7प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है. परंतु अगर किसान क्रेडिट कार्ड कार्डधारी एक वर्ष तक अपने खाते का सुचारू रूप से संचालन करता है तो राज्य सरकार तथा भारत सरकार की तरफ से 3-3प्रतिशत का लाभ कार्ड धारी को दिया जाता है अर्थात सही तरीके से खाते का संचालन करने वाले कार्डधारी को मात्र 1प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर ही भुगतान करना होता है. उन्होंने कहा मत्स्य पालन एक फायदेमंद व्यवसाय है मत्स्यपालकों को मत्स्यपालन के दौरान खासकर केज कल्चर में कृत्रिम तथा पूरक आहार फीडिंग करने की जरूरत पड़ती है जिस के लिए मत्स्यपालको को किसी तरह की पूंजीगत समस्या ना हो इसके लिए हरेक मत्स्य पालक को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ उठाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा हजारीबाग में मत्स्य पालन की अपार संभावना है यहां पर तिलैया, कोनार, जमुनिया, बौन्धा आदि जलाशयों में 200 से अधिक मत्स्यपालक केजकल्चर के माध्यम से मत्स्य पालन कर रहे हैं। केजकल्चर मछलीपालन से 250 से अधिक परिवार प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। प्रत्येक केज से 3-4 हजार किलोग्राम मछली का उत्पादन किया जा रहा है। मौके पर विष्णुगढ़ प्रखंड के लाभुक मत्स्यपालकों में हेमलाल महतो, सोमर सिंह, गणेश कुमार, सावित्री देवी, चंद्रिका प्रसाद, अर्जुन साहू, भुवनेश्वर साहू, बाल गोविंद प्रसाद, हरि सिंह, जगदीश महतो, महेंद्र महतो आदि उपस्थित हुए.
इस अवसर पर डीडीएम नाबार्ड प्रेम प्रकाश सिंह, अग्रणी बैंक प्रबंधक उदय शंकर मिश्रा, रजनी गुप्ता तथा मत्स्य प्रसार पदाधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद थे.