प्रमोद उपाध्याय
हजारीबाग: झारखंड में अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए सरकार जहां एक और कई तरह के कानून बना रहे, थाना क्षेत्रों में अवैध शराब के मामले आने पर थानेदारों पर कार्रवाई की बात कह रही है. वही हजारीबाग का उत्पाद महकमा कर्मियों की कमी से बेहाल है.
इस कार्यालय का हालत यह है कि जरूरत पड़ने पर भाड़े की गाड़ियों से छापेमारी करनी पड़ती है क्योंकि यहां बरसों से कोई चालक नहीं है न इस कार्यालय में क्लर्क और ना ही कंप्यूटर ऑपरेटर है.
उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय मुख्यालय मुख्यालय जिले में उत्पाद विभाग न सिर्फ सुविधाओं के अभाव का 10 जिला झेल रहा है बल्कि कर्मियों के अभाव का रोना भी रो रहा है जिले की 20 लाख की आबादी महज 28 उत्पाद कर्मियों के भरोसे है जिनमें से 10 होमगार्ड के जवान है और सात जिला पुलिस के जवान हैं.
बात अगर उत्पाद विभाग के कर्मियों की करें 23 सिपाही 4 दरोगा एक एएसआई और 2 इंस्पेक्टरों के भरोसे अभी यहां काम कर रहा है. जबकि इस जिले कई इलाके बिहार की सीमाओं से शर्तें जहां बड़े पैमाने पर अवैध शराब बनाने और उसके तस्कर की खबरें आए दिन मीडिया की सुर्खियां बनती है.
NH2 पर पर 2019 में अवैध शराब तस्करी के कई मामले पकड़े गए.
सहायक उत्पाद आयुक्त एके मिश्र ने बताया कि करर्मियों के लिए कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन अब तक कर्मी नहीं मिले हैं यहां न तो कंप्यूटर ऑपरेटर है और ना ही चालक जिससे हमें भाड़े की गाड़ियों की मदद से छापेमारी अभियान चलाना पड़ता है
क्या कहते हैं उत्पाद विभाग के पदाधिकारी
6 महीने में पकड़े गए 80 लोग 555 मामले हुए हैं दर्ज, 23 लाख 80 हजार वसूला गया है जुर्माना.
सहायक उत्पाद आयुक्त एके मिश्रा ने बताया कि अप्रैल से अब तक विभाग ने 79 लोगों को जेल भेजा. प्रतिदिन छापामारी अभियान चला गया जा रहा है जुर्माने के रूप में 11दो पहिया वाहन एक चार पहिया वाहन भी जप्त किया गया है. इस वर्ष अब तक 48 करोड़ों 34 लाख जमा हुआ है अगर संसाधन दुरुस्त हो जाए तो विभाग पूरे जिले को अवैध शराब के कारोबार से मुक्त कर सकता है