जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य प्रमुख ने कहा है कि डब्लूएचओ के ताजा सर्वेक्षण से यह पता चला है कि कोरोना महामारी के दौरान एचआइवी दवाओं की मात्रा में काफी कमी आई है.
73 देशों ने रिपोर्ट किया है कि एंटीरेट्रोवारयरस दवाओं के स्टॉक आउट होने का खतरा उत्पन्न हो गया है. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के वैश्विक प्रसार के बाद रोगियों को एचआइवी की डोज दी जाने लगी, इससे चलते एचाआइवी के दवाइयों की किल्लत उत्पन्न हो गई.
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने कहा कि 2018 एवं 2019 में नए एचआइवी संक्रमणों की संख्या सालाना 17 लाख के पार हो गई है. इसके रोकथाम में मामूली प्रगति हुई है.
उन्होंने कहा कि इसकी बड़ी वजह एचआइवी की रोकथाम और परीक्षण सेवाएं उन समूहों तक नहीं पहुंच पा रही हैं, जिन्हें इनकी सबसे अधिक जरूरत है.
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से करोना महामारी से निपटना एक वैश्विक प्राथमिकता है, लेकिन हम एचआइवी संक्रमित लाखों लोगों से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा अब वक्त आ गया है कि हमें वैश्विक एकजुटता से दोनों समस्याओं का निस्तारण करना होगा.