छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में टीबी पीड़ित भाई की मौत की खबर पाकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन वे अपने भाई का शव घर नहीं ले जाना चाहते थे. यह देखकर सभी अचंभित रह गए.
जब इसका कारण जानने का प्रयास हुआ तो सभी दंग रह गए. दरअसल उनके पास अपने मृत भाई का अंतिम संस्कार करने लायक पैसे नहीं थे.
गांव के सरपंच, उपसरपंच से भले ही इन्हें मदद नहीं मिली, लेकिन ASI निर्मला कश्यप व आरक्षकों ने रुपये देकर अंतिम संस्कार कराने का बंदोबस्त कराया. शव को शहर सीमा से लगे ग्राम पंचायत डिगमा तक ले जाने के लिए मुक्तांजली वाहन दिलवाया, इसके बाद वे शव लेकर गृहग्राम के लिए रवाना हुए.
पुलिस के अनुसार डिगमा निवासी टेकराम सारथी बहुत दिनों से टीबी से पीड़ित था. एक माह से उसकी तबियत कुछ अधिक ही खराब थी. इसके बाद भी वह भीख मांगकर गुजारा करता और जहां थकान लगती वहीं सो जाता था. उसका एक बेटा है, लेकिन वह कोरिया जिले में कहीं रहता है.
डिगमा में स्कूल के पास उसके भाई और रिश्तेदार हैं, लेकिन उनकी भी स्थिति रोज कमाने-खाने की है.